योगी सरकार कृषि उत्पादों के निर्यात में बढ़ाएगी UP की हिस्सेदारी, 3 सेक्टर में बांटकर तैयार किया 5 वर्ष का रोडमैप

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) किसानों की आय बढ़ाने के लिए देश से निर्यात होने वाले कृषि उत्पादों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP GIS 2023) के जरिए फूड प्रोसेसिंग, डेयर और पशुपालन के क्षेत्र में सरकार 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी। यूपी के कृषि उत्पादों को ब्रांड बनाकर अमेरिका सहित दूसरे देशों में उनका प्रमोशन किया जाएगा, ताकि विदेशी निवेशक प्रदेश के इन सेक्टरों में भी निवेश करने में रुचि दिखाएं।

15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ेगी हिस्सेदारी

दरअसल, यूपी की बड़ी आबादी आज भी कृषि क्षेत्र पर निर्भर है। ऐसे में राज्य की अर्थ व्यवस्था को बेहतर करने में जुटी सरकार का बड़ा फोकस इस सेक्टर पर भी है। सीएम योगी चाहते हैं कि राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ने के साथ ही उनका जीवन स्तर बेहतर हो। यही वजह है कि राज्य के कृषि उत्पादों को तीन सेक्टर में बांटते हुए दुग्ध उत्पाद और प्रोसेस्ड मीट की 2 अलग श्रेणियां बनाई गई हैं।

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वहीं, कृषि से संबंधित उत्पादों को चावल, गेहूं और फल व सब्जी की श्रेणी में बांटा गया है। अब तक भारत से निर्यात होने वाले गेहूं और चावल में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी सिर्फ 2-2 प्रतिशत है। वहीं, फल और सब्जियों की 4 प्रतिशत, दुग्ध उत्पादों की 7 प्रतिशत जबकि प्रोसेस्ड मीट उत्पाद की 55 प्रतिशत है। सराकर ने इनके निर्यात में प्रदेश की हिस्सेदारी 15 से 20 प्रतिशत बढाने के लिए पांच साल का रोडमैप तैयार किया है।

किसानों, दुग्ध और प्रोसेस्ड मीट से जुड़े कारोबारियों को फायदा

इस संबंध में सीएम योगी के निर्देश पर तैयार किए गए प्रस्ताव को मुख्य सचिव के स्तर से हरी झंडी मिलने से प्रदेश के 3 करोड़ से अधिक किसानों, दुग्ध और प्रोसेस्ड मीट से जुड़े कारोबारियों को बड़ा फायदा होने की बात कही जा रही है। 20 प्रतिशत तक निर्यात बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार किसानों को फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर देगी। इसके लिए कृषि विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।

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साथ ही किसानों को मौसम की जानकारी के अलावा फसलों की मैपिंग, कृषक एग्री ड्रोन्स के इस्तेमाल के बारे में भी विस्तार से बताएगी। ब्लाक स्तर पर छोटे जोत के किसानों का समूह बनाकर उन्हें उत्पादन बढ़ाने के तरीके बताए जाएंगे। दलहन, तिलहन और मोटे अनाज में किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

सात और देशों में यूपी के उत्पादों की ब्रांडिंग

यूपी के कृषि, दुग्ध और प्रोसेस्ड मीट उत्पादों का बड़ा हिस्सा अभी खासतौर से विश्व के 15 देशों में ही पहुंच रहे हैं। उत्पादों के निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने सात और देशों का चयन किया है। चयनित नए देशों सहित सभी 22 में प्रदेश के कृषि संबंधी विभिन्न उत्पादों की मांग बढ़ाने के लिए सरकार प्रमोशन करेगी। यूपी जीआइएस-2023 के लिए कई देशों में होने वाले रोड शो के अलावा प्रदर्शनी व अन्य माध्यमों से उत्पादों की ब्रांडिंग संबंधित देशों में जोर-शोर से की जाएगी।

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