दोस्त को दी उधार में बीवी, शौहर के वापस बुलाने पर बीवी ने किया इंकार

 

आपने लोगों को रूपये पैसे या फिर कोई गाड़ी या चीज़ उधार देते हुए सुना होगा लेकिन क्या कोई अपनी पत्नी को किसी को उधार दे सकता है ? जी हाँ ऐसा भी एक अजीबो गरीब मामला सामने आया जहाँ एक व्यक्ति ने अपने दोस्त को बीस दिन के लिए अपनी पत्नी ही उधार दे दी और जब दोस्त ने पत्नी वापस नहीं की तो वो पहुँच गया अदालत , आइये देखतें हैं पत्नी उधार देने का क्या है पूरा मामला .

 

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के भोजपुर नगर पंचायत की चेयरमेन रहमत जहाँ दो पतियों के बीच विवादों में फंस गयी हैं, उत्तराखण्ड के रहने वाले नसीम अहमद का आरोप है की रहमत जहाँ उसकी पत्नी है और इस से उसके दो बच्चे भी हैं, नसीम अहमद के मुताबिक मुरादाबाद के भोजपुर के रहने वाले शफ़ी अहमद उर्फ़ बाबू उसकी पुरानी दोस्ती थी, दोनों का एक दूसरे के घर आना जाना था, शफ़ी अहमद 2012 से 2017 तक मुरादाबाद की भोजपुर नगर पंचायत के चेयरमेन थे इस दौरान जब नवम्बर 2017 में भोजपुर नगर पंचायत के चुनाव शुरू हुए तो सीट पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो गयी.

 

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शफ़ी अहमद सामान्य जाति के हैं इसलिए वो चुनाव नहीं लड़ सकते थे, लिहाज़ा उन्होंने अपने दोस्त नसीम अहमद से कहा कि वो अपनी पत्नी रहमत जहाँ जो पिछड़ी जाति से हैं उन्हें भोजपुर नगर पंचायत के चेयरमैन पद के लिए चुनाव में खड़ा कर दे. इस पर नसीम अहमद ने कहा की उसकी इतनी हैसियत नहीं है की वो चुनाव लड़ा सके इस पर शफ़ी अहमद ने अपनी दोस्ती का वास्ता देते हुए नसीम अहमद से कहा की तुम अपनी पत्नी चुनाव में 15 – 20 दिन के लिए मुझे उधार दे दो, मैं इसे चुनाव में खड़ा कर दूंगा और जीत जाने पर वापस आपके पास भेज दूंगा, उसके बाद जब कभी मीटिंग में जाने की ज़रूरत हुआ करेगी तो रहमत जहाँ को ले जाया करूँगा या उससे हस्ताक्षर यही से करा के ले जाया करूँगा, चुनाव में खड़ा होने के लिए रहमत जहाँ को कागजो में मेरी पत्नी दर्शाना होगा इसलिए कुछ कागज तैयार कराने पड़ेगे जो मै करा लूँगा, नसीम अहमद शफी अहमद की बातों में आ गया और दोस्त होने के भरोसे में उसने अपनी पत्नी शफी अहमद को बीस दिन के लिए उधार दे दी .

 

जिसके बाद रहमत जहाँ ने शफी अहमद की पत्नी के रूप में भोजपुर नगर पंचायत का चुनाव लड़ा और वो चुनाव जीत गयीं. रहमत जहाँ को भोजपुर नगर पंचायत का चेयरमैन बने हुए आठ महीने हो गये हैं, नसीम अहमद के मुताबिक रहमत जहाँ चुनाव जीतने के बाद एक दिन उसके घर आई थीं और तब सब गाँव वालों ने हार मालाएँ पहना कर रहमत जहाँ और नसीम अहमद का स्वागत किया था, जिसकी तस्वीरें नसीम अहमद के पास हैं लेकिन अब ये तस्वीरें यादगार बन गयी हैं और रहमत जहाँ पत्नी बनकर शफ़ी अहमद के पास ही रह रही हैं. इसलिए नसीम अहमद ने उत्तराखंड के जसपुर की अदालत में शिकायत कराते हुए मांग की है कि उसकी पत्नी उसे वापस दिलाई जाये, अदालत ने कुंडा थाने की पुलिस से जाँच संख्या मांगी है और मामला अदालत पहुँच चुका है.

 

जब हमने रहमत जहाँ से इस मामले में बात कि तो रहमत जहाँ ने हँसते हुए कहा कि क्या कोई अपनी पत्नी को किसी को उधार देता होगा ? नसीम अहमद झूठ बोल रहे हैं, वो मेरे पहले पति थे लेकिन 2011 में ही मेरा उनसे तलाक हो चुका है और अब मैं शफ़ी अहमद की पत्नी हूँ और यहाँ की चैयरमैन हूँ, मैं अपनी मर्ज़ी से अपनी ज़िन्दगी जी रही हूँ और मैं यहाँ खुश हूँ. इस वक़्त शफ़ी अहमद की रहमत जहाँ सहित तीन पत्नियाँ हैं,, नसीम अहमद का आरोप है की शफ़ी अहमद उसे धमकियाँ दे रहा है की अगर उसने पत्नी वापस मांगी तो वो उसे जान से मरवा देगा, अब फैसला अदालत को करना है लेकिन उत्तरखण्ड से यूपी तक इस इलाके में हर किसी की जुबान पर पत्नी उधार देने की चर्चा है.

 

INPUT : (FAREED SHAMSI ) MORADABAAD

 

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