बरेली के बिथरी चैनपुर से बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा (Rajesh Mishra) उर्फ पप्पू भरतौल की बेटी साक्षी मिश्रा (Sakshi Mishra) और अजितेश (Ajitesh) में की लव स्टोरी को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है. बीजेपी विधायक के कभी करीबी रहे गौरव सिंह अरमान (Gaurav Singh Arman) के एक कथित वायरल ऑडियो से बताया जा रहा है कि साक्षी को अजितेश के साथ भगाने के प्लान से पहले राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतोल की हत्या की साजिश रची जा रही थी!
सोशल मीडिया में इन दिनों एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा की हत्या की साजिश रचने का जिक्र है. दावा किया जा रहा है कि इस ऑडियो में बात करने वाला शख्स गौरव सिंह अरमान है जो कि कभी विधायक का करीबी रह चुका है. लेकिन करीब २ महीने पहले विधायक ने उसे कार्यालय से निकाल दिया था.इसी का बदला लेने के लिए उसने विधायक को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची.
कंगाल अजितेश की साक्षी करती थी आर्थिक मदद
नशे और लग्जरी लाइफ के आदी अजितेश पहले से कंगाली की कगार पर थे, उनकी आदतों ने सारा बैंक बैलेंस साफ़ कर दिया था. सूत्रों की माने तो विधायक की बेटी साक्षी ही अजितेश को लंबे समय से आर्थिक मदद कर रही थी. इसके अलावा विधायक के बेटे विक्की भरतौल और गौरव सिंह अरमान की दोस्ती की वजह से वह अपना धंधा पानी चला रहा था. भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने जब गौरव सिंह अरमान को बाहर निकला, इसके बाद से पूरी कहानी बिखरती चली गई. दोस्त दुश्मन हो गये और यहाँ से बीज उत्पन्न हुआ एक गहरी साजिश का.
अजितेश विधायक के दुश्मन से करता था बात
पुलिस और बीजेपी द्वारा की जा रही गोपनीय जांच के दौरान पता चला है कि अजितेश ने 3-5 जुलाई के बीच एक शख्स से करीब 63 बार फोन पर बात की. यह शख्स विधायक राजेश मिश्रा के कार्यालय से भगाये जाने वाले और ब्लॉक प्रमुख रहे गौरव सिंह अरमान है, जिसने बीजेपी के ही दो कद्दावर नेताओं के साथ मिलकर अजितेश और साक्षी के प्रेम प्रसंग की पूरी स्क्रिप्ट तैयार की. पुलिस और बीजेपी की इस गोपनीय जांच में पता चला है कि घटना से 3 दिन पहले गौरव ने अजितेश को 63 बार कॉल और मैसेज भी किए गए. गौरव ने इसके लिए नया मोबाइल नंबर लिया था, जिसकी कॉल डीटेल से इस बात की जानकारी मिली है. सूत्रों के मुताबिक यह बात भी सामने आ रही है कि पार्टी से जुड़े लोगों ने तीनों को एक साथ बैठे, गाड़ियों से आते जाते देखा है.
विधायक के दुश्मन ने बदला लेने के लिए रची साजिश
सूत्रों ने बताया कि दो महीने पहले विधायक राजेश मिश्रा ने गौरव सिंह अरमान को अपने कार्यालय से भगा दिया था. उसे विधायक का काफी करीबी माना जाता था. बिथरी ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़वाने से लेकर बाकी सभी काम में विधायक राजेश मिश्रा ने हर कदम पर गौरव का साथ दिया. नाम नहीं छापने की शर्त पर बीजेपी के ही नेताओं ने बताया कि गौरव सिंह अरमान विधायक के नाम पर कोटे की ब्लैक मार्केटिंग, अवैध खनन का धंधा करता था. ऐसे में विधायक राजेश मिश्रा द्वारा भगाए जाने के बाद वह उनसे अपमान का बदला लेना चाहता था. यही वजह रही कि उसने उन बीजेपी नेताओं की शरण में गया जो राजेश मिश्रा से नाराज चल रहे थे. इसके बाद विधायक को कई तरीकों से हानि पहंचाने की कोशिश की गई, लेकिन जब बात नहीं बन पाई तो राजेश के ‘अभिमान’ चोट कर उनकी राजनीति को नुकसान पहुंचाने का प्लान बनाया गया. इसमें प्लान में विधायक राजेश मिश्रा की बेटी सबसे आसान टारगेट बनी. साक्षी को टारगेट करने के बाद अजितेश को साधा गया.
साक्षी-अजितेश की भागने से लेकर टीवी तक की गयी व्यवस्था
बता दें कि अजितेश और गौरव सिंह अरमान की पहले से ही दोस्ती थी, अजितेश कद्दावर नेताओं को भी जानता था. पता चला है कि जिस दौरान प्लानिंग चल रही थी, उस वक्त साक्षी जयपुर में पढ़ाई कर रहीं थीं. एक कद्दावर नेता के घर तीन पर मीटिंग होने के बाद प्लान पर काम करने की तारीख तय हुई. इन नेताओं ने ही बरेली से भागने से लेकर इंदौर में ठहरने, फ्लाइट की टिकट कराने, हाइकोर्ट में याचिका डालने और टीवी चैनल के स्टूडियों तक पहुंचाने की प्लानिंग की. गौरव के जरिए इस प्लान पर काम किया गया.
योजना बनाकर लिखी गयी भागने की स्क्रिप्ट
बैठक में लिखी स्क्रिप्ट के मुताबिक आरोपियों ने ऐसे दिन को चुना, जिस दिन विधायक अपनी पत्नी के साथ घर से बाहर थे. विधायक के घर में शहर में रहते एक बार को बेटी बाहर निकलने की हिम्मत नहीं कर सकती थी. इस वजह से ऐसे दिन का चुनाव किया गया जब विधायक घर में उपस्थित न हों. जिस दिन अजितेश साक्षी को लेकर गया है. उसी दिन उसने बीस हजार रुपये एक भाजपा नेता से अपने एकाउंट में डलवाये थे. बरेली से इंदौर, भोपाल, प्रयागराज, दिल्ली का सफर उसने फ्लाईट में किया. भाजपा नेताओं ने उसके खाते में एक लाख रुपये तीन दिन में ट्रांसफर किये हैं. गोपनीय जांच में खुलासा होने के बाद पुलिस ने उन सभी बैंक खातों की भी डिटेल निकाल ली है.
इस मामले में बीजेपी नेताओं ने संगठन को जो रिपोर्ट दी है उसमें बताया गया है कि दलित ब्राह्मण का राजनीतिक मुद्दा बनाने और विधायक को चैनल पर घसीटने के लिए डीलिंग तक हुई थी. इसके लिए कद्दावर नेताओं ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर चैनल से बात की थी. इसके बाद फिक्स टाइम पर पूरे परिवार को स्टूडियों में भेजा गया. इस मामले में साक्षी, अजितेश और उसके पिता हरीश नायक को चैनल ने ऐसे पेश किया, जैसे दलितों पर एक ब्राह्मण विधायक अत्याचार कर रहा हो.
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