बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन हुए पार्सल ब्लास्ट मामले (Darbhanga Blast Case) में शुक्रवार को एनआईए ने शामली पुलिस (Shamli Police) की मदद लेकर कैराना से 2 आरोपियों हाजी सलीम और कफील अहमद को गिरफ्तार किया है। इन दोनों का संबंध दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पार्सल ब्लास्ट से है। इससे पहले भी एटीएस मामले में आरोपी 2 सगे भाइयों इमरान मलिक और नासिर खान को गिरफ्तार कर चुकी है।
शामली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल में विस्फोट की घटना हुई थी। इसके संबंध में थाना दरभंगा रेलवे स्टेशन पर अभियोग पंजीकृत किया गया था। रेलवे स्टेशन पर हुए इस विस्फोट की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। एनआईए द्वारा 24 जून को इस मामले में अलग से एफआईआर रजिस्टर की गई। एनआईए ने अपनी जांच के दौरान विस्फोट की घटना में शामिल महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्रित कर 2 अभियुक्तों इमरान और नासिर को 30 जून को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।
इस मामले में पकड़े गए इमरान और नासिर शामली जिले के कैराना के रहने वाले हैं। दोनों का लिंक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से पाया गया है। दोनों सगे भाई हैदराबाद में सालों से रह रहे थे और वहां कपड़ा बेचने का काम करते थे। पुलिस ने इन दोनों आतंकियों को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया था। सबसे अहम बात ये है कि इनके पिता मूसा खान एक रिटायर फौजी हैं और कैराना में अकेले घर में रहते हैं।
शामली पुलिस के मुताबिक, ब्लास्ट की इस घटना के संबंध में एनआईए द्वारा कार्रवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर मदद मांगी गई। जिसके बाद 2 जुलाई को शामली पुलिस की टीम द्वारा एनआईए का सहयोग करते हुए दरभंगा विस्फोट की घटना से जुड़े 2 अभियुक्तों हाजी सलीम और कफील अहमद को हिरासत में लेकर एनआईए को सौंप दिया गया है।
17 जून को हुआ था ब्लास्ट
17 जून 2021 को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल के जरिये ब्लास्ट किया गया था। यह गनीमत रही थी कि इस ब्लास्ट में किसी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई थी। ब्लास्ट जिस पार्सल में हुआ था वह सिकन्दराबाद से मौहम्मद सूफियान के नाम से बुक किया गया था। इस ब्लास्ट का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ा गया था।
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