अगर आपका वोटर आईडी कार्ड भी आधार से लिंक नहीं है तो आपको जल्द ही लिंक करवाना पद सकता है. इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग आधार संख्या को मतदाता आईडी से जोड़ने के लिए तैयार है. रिपोर्ट में कहा गया है, “आयोग पीपुल्स एक्ट 1951 में संशोधन का प्रस्ताव देगा, जिसके लिए नागरिकों को 12 अंकों के आधार के साथ अपने चुनावी फोटो आईडी कार्ड (ईपीआईसी) को जोड़ने की आवश्यकता होगी.
अक्टूबर में चुनाव आयोग ने मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि इसमें आधारभूत रोल और मतदाता पहचान पत्र के साथ आधार जोड़ने से उसे कोई परेशानी नहीं है. आयोग ने हालांकि केंद्र की प्रमुख आधार योजना पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए एक निर्णय लिया है.
आयोग ने कहा कि आधार पर जुड़े मामले में खर्च किए जाने वाले खर्चों पर भी विचार करना होगा. 2015 में कमीशन ने ‘स्वैच्छिक’ आधार लिंकिंग शुरू की थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने गोपनीयता चिंताओं पर प्रक्रिया को रोक दिया. उस समय तक इसमें लगभग 380 मिलियन मतदाता शामिल थे.
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भारत में वर्तमान में 750 मिलियन से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं. एक पीआईएल ने आधार पर मतदाता आईडी को अनिवार्य रूप से जोड़ने की मांग की. याचिकाकर्ता एम एल रवि ने फर्जी मतदाताओं के प्रवेश की जांच के लिए आधार को मतदाता आईडी के साथ जोड़ने की मांग की.
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