उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर हिंसा का मामला गोमांस पर केंद्रित था. पूरे देश ने बुलंदशहर हिंसा की भयावह तस्वीरें भी देखी थी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लाख दावों के बाद भी अफसर अपनी करतूतों में सुधर नहीं ला रहे है. ऐसे ही मूंढापांडे ब्लाक के दलपतपुर केंद्र में तैनात पशु चिकित्सालय की महिला पशु चिकित्सक डॉ. सुमन गोमांस का डर दिखाकर आम लोगों से पैसों की वसूली करने में जुटी हुई है. डॉ. सुमन द्वारा ग्रामीणों को गोमांस की रिपोर्ट का डर दिखाकर 30 हज़ार रूपये की घूस लेते हुए वीडियो कैमरे में कैद हुई है. इस वीडियो में घूस लेने पहले डॉ. सुमन बड़े रौब से कह रही है कि अगर अभी पैसे नहीं दोगे तो घर आकर देना पड़ेगा. बेधड़क होकर उनके द्वारा की जा रही वसूली का वीडियो जैसे ही अफसरों के पास पहुंचा तो अफसर निःशब्द होकर एकदम सन्न रह गए.
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ग्रामीण ने बना लिया पशु चिकित्सक का वीडियो
चंदा इकठ्ठा करके ग्रामीण घूस के पैसे देने पशु चिकित्सक के पास पहुंचे तो इसी दौरान एक व्यक्ति ने घूस लेते हुए डॉ. सुमन के पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया. वीडियो में डॉ. सुमन खुलेआम ये कहते हुए दिख रही है कि अगर पूरे पैसे नहीं दिए तो घर आकर पैसे देने पड़ेंगे. ग्रामीणों के द्वारा दिए गए घूस के पैसों को डॉ. सुमन अपने पर्स में डाल लेती है. वहीं ग्रामीण भी उनका शुक्रिया करते हुए बोलते है कि आपने हमारा बड़ा काम कर दिया.
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वीडियो की जांच–पड़ताल से मिली जानकारी
वीडियो की पड़ताल करने में पता चला कि एक सप्ताह पहले काशीपुर तिराहे पर पुलिस ने सक्टू नगला गांव निवासी एक युवक को पकड़ा था जो घर में दावत के लिए 5 किलो मीट लेकर जा रहा था. पुलिस ने मीट को देखकर गोमांस होने का संदेह जताया. युवक ने पुलिस को रसीद दिखाते हुए बताया कि ये गोमांस नहीं बल्कि भैंस का मीट है. लेकिन, पुलिस अफसर ने युवक की बात को ना मानते हुए पशु चिकित्सक डॉ. सुमन को बुलाया. काशीपुर तिराहे पर पशु चिकित्सक डॉ. सुमन आते ही युवक और ग्रामीणों को धमकाने लगीं. कई बार समझाने के बाद भी पशु चिकित्सक नहीं मानी और मीट को गोमांस बताने पर अड़ी रही और इसी दौरान उन्होंने घूस लेने की मांग की. इस बात पर ग्रामीण परेशान हो गए और कहा कि हमें कुछ वक़्त दीजिये, हम गांव से पैसा जमा करके लाते है.
जनपद के 21 अस्पतालों में तैनात है 18 पशु चिकित्सक
मौजूदा समय में जनपद में 21 पशु चिकित्सालय है. इसमें 18 पशु चिकित्सक फील्ड में रहकर काम करते है. हालांकि, कोई भी पशु चिकित्सक स्वयं किसी स्थान में जाकर छापेमारी नहीं कर सकता है. बल्कि पुलिस को बुलाने पर ही सैंपल को चेक करता है. लेकिन दलपतपुर के पशु चिकित्सक स्वयं कई स्थानों पर सीधे मीट की चेकिंग करने पहुंच जाते है. काशीपुर तिराहे से जो भी ग्रामीण 5 से 10 किलो की मात्रा में मीट खरीदता है तो लोग पुलिस को इस बात की सूचना देते है कि उस व्यक्ति के पास गोमांस है. ऐसे में पुलिस, पशु चिकित्सक को बुलाकर जांच पूरी करने की प्रक्रिया करती है. जाहिर है कि वहां के कुछ लोग गोमांस के नाम पर लोगों को डराने का काम कर रहे है.
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