‘वक्फ बोर्ड संशोधन बिल’ पर मायावती ने बीजेपी को याद दिलाया ‘राष्ट्रधर्म’, बोलीं- मोदी सरकार जल्दबाजी न करे तो बेहतर होगा

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति छोड़कर राष्ट्रधर्म निभाने की सलाह दी है। बसपा सुप्रीमो ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल (Waqf Board Amendment Bill) के विरोध में कहा है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर मोदी सरकार जल्दबाजी न करे तो बेहतर होगा।

पूछा- संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति क्या जरूरी है?

दरअसल, गुरुवार को संसद में पुराने वक्फ कानूनों में बदलाव के लिए वक्फ संशोधन बिल 2024 पेश कर दिया गया। इस बिल का विपक्ष ने विरोध किया। वहीं, बसपा चीफ मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि केन्द्र व यूपी सरकार द्वारा मस्जिद, मदरसा, वक्फ आदि मामलों में जबरदस्ती की दखलन्दाजी तथा मन्दिर व मठ जैसे धार्मिक मामलों में अति-दिलचस्पी लेना संविधान व उसकी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त के विपरीत अर्थात ऐसी संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति क्या जरूरी है? सरकार राष्ट्रधर्म निभाए।

Vo-मायावती ने कहा कि मन्दिर-मस्जिद, जाति, धर्म व साम्प्रदायिक उन्माद आदि की आड़ में कांग्रेस व भाजपा आदि ने बहुत राजनीति कर ली और उसका चुनावी लाभ भी काफी उठा लिया, किन्तु अब देश में खत्म हो रहा आरक्षण व गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन आदि पर ध्यान केन्द्रित करके सच्ची देशभक्ति साबित करने का समय है।

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Vo-बसपा प्रमुख ने कहा कि आज संसद में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जिस प्रकार से इसको लेकर संदेह, आशंकाएं व आपत्तियाँ सामने आयी हैं, उसके मद्देनजर इस बिल को बेहतर विचार के लिए सदन की स्थायी (स्टैण्डिंग) समिति को भेजना उचित। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार अगर जल्दबाजी न करे तो बेहतर।

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