लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें लखनऊ मंडल के छह जिलों, लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर और लखीमपुर खीरी से आए 42 विधायकों और 5 विधान परिषद सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक में कुल 3,397 विकास प्रस्तावों की समीक्षा की गई, जिनकी अनुमानित लागत 42,891 करोड़ है। मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं को जनप्रतिनिधियों के सुझावों के अनुसार प्राथमिकता देने और चरणबद्ध रूप से लागू करने के निर्देश दिए।
स्थानीय पहचान के साथ योजनाओं का समायोजन जरूरी: सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले की अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषताएं हैं, जिनका विकास योजनाओं में समावेश किया जाना चाहिए। उन्होंने लखनऊ को अवध की सांस्कृतिक राजधानी बताया, हरदोई को सत्य और तप की भूमि कहा, और रायबरेली को साहित्य तथा स्वतंत्रता संग्राम की धरोहर के रूप में रेखांकित किया। उन्नाव को क्रांतिकारियों की कर्मभूमि बताते हुए उन्होंने वहां की परियोजनाओं को राष्ट्रीय चेतना से जोड़ने पर बल दिया। इसी तरह, सीतापुर के नैमिषारण्य और लखीमपुर खीरी की जैव विविधता को भी विशेष महत्व देने की बात कही।
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जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से बनेगा भरोसेमंद शासन तंत्र
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की क्षेत्रीय समझ योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में मदद करती है। यह संवाद व्यवस्था सरकार और समाज के बीच विश्वास की एक सशक्त कड़ी है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों पर गंभीरता से काम करें और हर विकास कार्य के लिए स्पष्ट कार्ययोजना तैयार की जाए, जिससे समयबद्धता और गुणवत्ता दोनों सुनिश्चित हो सके।
सड़क और सेतु निर्माण में शहीदों के गांवों को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि सड़क, पुल, फ्लाईओवर, आरओबी/आरयूबी जैसे प्रस्तावों को जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए वरीयता क्रम के अनुसार प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने विशेष रूप से शहीदों के गांवों की सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता देने की बात कही। साथ ही, जिला मुख्यालयों को चार लेन और ब्लॉक मुख्यालयों को दो लेन से जोड़ने तथा ब्लैक स्पॉट्स के सुधार के निर्देश दिए गए।
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हर विधानसभा में विकसित होगा एक पर्यटन स्थल
पर्यटन विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन स्थल का चयन कर उसकी सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 1000 से अधिक धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण किया जा चुका है। नगर विकास विभाग को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि किसी भी परियोजना का प्रस्ताव बनाने से पहले जनप्रतिनिधियों की राय और सहमति अवश्य ली जाए।
पारदर्शिता सर्वोपरि
सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि सभी विकास योजनाओं की पारदर्शी, समयबद्ध और समन्वित कार्यवाही होनी चाहिए। योजनाओं का शिलान्यास 15 सितंबर के बाद जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जाए और शिलापट्ट पर उनका नाम अंकित हो। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी कार्यों की गुणवत्ता की निष्पक्ष मॉनिटरिंग शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

















































