छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल का वीर सावरकर को लेकर विवादित बयान सामने आया है. बघेल ने विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) को विभाजन का सूत्रधार बताया है. बघेल ने रायपुर में दावा किया कि आजादी के 16 साल पहले ही सावरकर ने धर्म के आधार पर दो राष्ट्रों का प्रस्ताव दिया था, जिसे बाद में मोहम्मद अली जिन्ना ने अपना लिया.
भूपेश बघेल ने देश के बंटवारे के लिए सावरकर को जिम्मेदार बताया है. सोमवार को रायपुर में जवाहर लाल नेहरू की 55वीं पुण्यतिथि के मौके पर उन्होंने कहा कि देश के विभाजन में नेहरू को दोष देना बिलकुल गलत है बल्कि विनायक दामोदर सावरकर ने सबसे पहले हिन्दू-मुस्लिम राष्ट्र की कल्पना की थी और उस काम को जिन्ना ने अंजाम तक पहुंचाया.
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि हिंदू महासभा में सावरकर ने प्रस्ताव रखा था कि हिंदुस्तान आजाद हो तो दो राष्ट्र के रूप में हो। धार्मिक आधार पर उन्होंने दो राष्ट्र की मांग रखी और जिन्ना ने उसे क्रियान्वित किया. यह ऐतिहासिक तथ्य है और इसे कोई झुठला नहीं सकता.
इस बीच बघेल के बयान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उनको इतिहास पढ़ने की सलाह दी है. सिंह ने कहा है कि उन्हें (भूपेश बघेल को) इतिहास को फिर से पढ़ना चाहिए, उसको फिर से समझना चाहिए. इतिहास की समझ होनी चाहिए. विभाजन और विभाजन की पृष्ठभूमि क्या थी उस पर आज बहस की जरूरत नहीं है. मगर कम ज्ञान में ज्यादा बात बोलना ठीक नहीं होता है.
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