पीएफ और पेंशन खातों को बड़ा नुकसान होने वाला है। एक अनुमान के मुताबिक, यह झटका ऐसे लोगों को लगने जा रहा है, जिनका पीएफ और पेंशन फंड का खाता खुला हुआ है। खबर है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के 6 करोड़ से अधिक अंशधारकों के करीब 570 करोड़ डूब सकते हैं।
प्रभाव में आएंगी 1500 कंपनियां
यही वजह है कि ईपीएफओ ने इन पैसों को बचाने के लिए वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय को पत्र लिखा है। घाटे में चल रही इंफ्रास्ट्रक्टर निवेश से जुड़ी सरकारी क्षेत्र की कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) के चलते ऐसा हो सकता है। ईपीएफओ के पास कुल 8 लाख करोड़ रुपये का फंड है।
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केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त सुनील बर्थवाल के अनुसार आईएलएंडएफएस में आए संकट की वजह से 1500 कंपनियों पर सीधा असर पड़ने की संभावना है। आईएलएंडएफएस फिलहाल दिवालिया होने की कगार पर है। ऐसे में सैलरी क्लास वाले लोगों पर इसका असर पड़ेगा।
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फंड मैनेजरों ने ज्यादातर पैसा बांड अथवा लोन के तौर पर कंपनी को दे रखा है। यह पैसा तब दिया गया था जब आईएलएंडएफएस की हालत काफी सही थी और इसको सुरक्षित निवेश के लिए ट्रिपल ए (एएए) की रेटिंग मिली हुई थी।
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जिन कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर पड़ने की संभावना है उनमें राज्यों की बिजली बोर्ड, सरकारी कंपनियां और बैंक शामिल हैं। आईएलएंडएफएस में निवेशकों के मुताबिक 40 फीसदी पैसा पेंशन और पीएफ खाते का जमा है। बाकी 60 फीसदी रकम यस बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडसइंड बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के द्वारा लोन के तौर पर दिया गया था।
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