तेल खपत के मामले में चीन को पछाड़ सकता है भारत, पढ़ें मैकेंजी की यह रिपोर्ट

अभी कुछ ही दिनों पहले मुद्राकोष (IMF) ने भी कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2019 में 7.5 प्रतिशत और 2020 में 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि चीन की रफ्तार 2019 और 2020 में 6.2 फीसदी रह सकती है. साथ ही विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 2017 में भारत 2,590 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के साथ भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया.


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ऐसे में रिसर्च और कंसल्टेंसी फर्म वुड मैकेंजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2019 में पेट्रोलियम ईंधन की मांग की वृद्धि चीन को पीछे छोड़ कर अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर पहुंच जाएगी. वुड मैकेंजी ने कहा है कि 2018 में भारत नोटबंदी और जीएसटी लागू किए जाने के प्रभाव से उबरता दिखा और देश के तेल की मांग में वृद्धि देखी गई.


गौरतलब है कि, भारत ने वैश्विक मांग में कुल वृद्धि में 14 प्रतिशत का योगदान किया जो 2,45,000 बैरल प्रतिदिन बनता है. मैकेंजी की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, ‘हम 2019 में तेल की मांग में इसी तरह की वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं. इससे भारत वैश्विक स्तर पर मांग में वृद्धि के मामले में चीन को पछाड़ देगा. परिवहन में इस्तेमाल में आने वाले पेट्रोल और डीजल और घरों में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी की मांग में तेजी इसकी मुख्य वाहक बनेगी.’


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एलपीजी की मांग में आएगी तेजी


अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (ईआईए) के आंकड़े के मुताबिक तेल के उपभोग के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है. इस मामले में देश अमेरिका और चीन से ही पीछे है. भारत ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 20.62 करोड़ टन (40 लाख बैरल प्रति दिन) तेल का उपभोग किया था.


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