कानपुर कांड: पूर्व SSP अनंतदेव तिवारी पर कसेगा शिकंजा, SIT ने शासन से की विकास दुबे से संबंधों की जांच की सिफारिश

कानपुर के बिकरू कांड की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव तिवारी (Anant Dev Tiwari) के पुलिस एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात अपराधी विकास दुबे के साथ उनके संबंध की जांच कराने की सिफारिश की गई है।


कानपुर के चौबेपुर गांव में अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के लिए सीओ देवेंद्र मिश्रा की अगुवाई में गई पुलिस टीम पर हमला हो गया गया था। विकास दुबे और उसके गैंग द्वारा किये गए इस हमले में सीओ देवेंद्र मिश्रा, 2 दारोगा सहित आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे। इसकी जांच अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी वाली तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) ने की है।


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इसमें पीएसी में डीआइजी के पद पर तैनात कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव तिवारी की विकास दुबे के साथ करीबी की जांच की सिफारिश की गई है। बिकरू गांव में में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद एक रिपोर्ट वायरल हुई थी, जो शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्र ने चौबेपुर के निलंबित एसओ विनय तिवारी के खिलाफ पूर्व एसएसपी अनंतदेव को व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए भेजी थी।


निलंबित एसओ विनय तिवारी पर कार्रवाई होनी थी, लेकिन पूर्व एसएसपी अनंत देव तिवारी ने उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया था। इस मामले की जांच के लिए आईजी रेंज लखनऊ को शासन ने भेजा। उन्होंने जांच रिपोर्ट में इस बात को स्वीकार किया कि रिपोर्ट सोशल मीडिया और ईमेल के जरिए भेजी गई थी मगर कार्रवाई नहीं की गई।


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इसके बाद एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें शहीद सीओ और एसपी ग्रामीण की बातचीत थी। इसमें सीओ ने आरोप लगाया था कि पूर्व एसओ ने एक जुआ पकड़ने के मामले में पांच लाख रुपए पूर्व कप्तान को पहुंचा दिए जिसके कारण उसके खिलाफ र्कारवाई नहीं हुई।


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