चीनी खिलौनों पर योगी का हथौड़ा, UP को ‘टॉय हब’ बनाने की तैयारी, यमुना प्राधिकरण ने जमीन को दी मंजूरी

गलवान घाटी को लेकर सीमा विवाद के मद्देनजर भारत-चीन में तनातनी चल रही हैं. भारत चाइना को सबक सिखाने के लिए आर्थिक मोर्चे पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रहा है. हाल ही में सरकार ने टिक टॉक, यूसी ब्राउसर, शेयर इट जैसे 59 चीनी ऐप्स को बैन किया है. चीन को झटका देने की भारत की इस मुहिम में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने बड़ी चोट की है. योगी सरकार अब चीनी खिलौनों (chinese Toys) को कॉम्पटीशन देने के लिए प्रदेश के अंदर टॉय हब (Toy Hub) तैयार करने जा रही है. इसके लिए यमुना प्राधिकरण (Yamuna development authority) ने जमीन को मंजूरी भी दे दी है.


टॉय एसोसिएशन ने मांगी यमुना प्राधिकरण से जमीन 

योगी सरकार के इस फैसले से रोजगार के अवसर तो बढ़ेंगे ही, चीन के खिलौनों को भी मार्केट से रिप्लेस करना आसान हो जाएगा.  देश में चीन से आयात होने वाले Chinese खिलौनों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है. जो पहले 20 फीसदी थी, उसे अब 60 फीसदी कर दिया गया है. ऐसे में चीन से आने वाले खिलौने अब महंगे हो जाएंगे. चीनी खिलौनों की महंगाई को देखते हुए टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया आगे आई है. इस एसोसिएशन ने यमुना प्राधिकरण के अफसरों से मुलाकात की और बताया कि टॉय सिटी (Toy City) बसाना समय की मांग है. इसके लिए उन्होंने 50 एकड़ जमीन की मांग भी की है. 


यमुना प्राधिकरण ने जमीन के लिए मंजूरी दी

एसोसिएशन के प्रतिनिधि पहले भी प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन से इस बारे में मुलाकात कर चुके हैं. आखिरकार प्राधिकरण ने अब जाकर जमीन देने के सहमति दे दी है. यमुना प्राधिकरण टॉय सिटी के लिए 100 एकड़ की जमीन को मंजूरी दे रहा है. जिसमें से 50 एकड़ में टॉय सिटी को बसाया जाएगा, जबकि 50 एकड़ को रिजर्व में रखा जाएगा. यमुना प्राधिकरण की टॉय सिटी में 80 यूनिट लगेंगी. भारत में करीब 80 फ़ीसदी खिलौनों का आयात चीन से हो रहा है, ऐसे में उम्मीद है कि टॉय सिटी से इंडियन टॉय इंडस्ट्री को फायदा जरूर मिलेगा.


चीन को भारत का कड़ा संदेश

चीन संग सीमा पर तनातनी के बीच भारत ने TikTok और हेलो समेत 59 चीनी ऐप्स ब्लॉक कर दिए हैं. मंत्रालय ने एक नोटिस जारी कर बताया कि ये 59 चीनी ऐप्स उन गतिविधियों में लगे हुए थे जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं. ऐसे में इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है. 


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