UP में ‘ऑपरेशन मुख्तार अंसारी’ जारी, पत्नी और साले की 1.18 करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार उत्तर प्रदेश में ऑपरेशन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) चला रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को ग़ाजीपुर में मुख्तार की पत्नी अफशा अंसारी की 1.18 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर दी गई है. कुर्क की गई प्रॉपर्टी में सदर कोतवाली क्षेत्र के सैय्यदबाड़ा स्थित आवासीय भवन शामिल है. पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट 14 (1) के तहत ये कार्रवाई की है. कुर्क की गई संपत्ति में मुख्तार की पत्नी अफशा अंसारी और उसके साले सरजील रजा की प्रॉपर्टी शामिल है. योगी सरकार के एंटी माफिया अभियान के तहत पुलिस ने जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्तार अंसारी के साले सरजील रजा की संपत्ति जब्त की है.


मंगलवार को जिला प्रशासन ने मुख्तार अंसारी की पत्नी और दो सालों की सैयदबाड़ा मोहल्ले में बने रेजिडेंशियल बिल्डिंग को मुनादी कराकर कुर्की की गई. वहीं, लखनऊ के गोमती नगर इलाके में अंसारी के ससुराल पक्ष के मालिकाना हक वाले आवासीय फ्लैट को कुर्क करने के लिए गाजीपुर पुलिस टीम को लखनऊ भेजा गया है.


सीओ ओजस्वी चावला ने बताया कि डीएम एमपी सिंह ने पुलिस विभाग से मिली रिपोर्ट के बिनाह पर मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी और साले सरजील रजा की लगभग दो करोड़ 18 लाख लागत की प्रॉपर्टी सीज करने का आदेश पारित किया. इस आदेश पर ऐक्शन लेते हुए प्रशासन ने मंगलवार को गाजीपुर के सैयदबाड़ा में इलाके में रेजिडेंशियल बिल्डिंग को सीज कर दिया गया. सीज की गई बिल्डिंग की बाजार में अनुमानित लागत एक करोड़ 18 लाख आंकी गई है. प्रशासन के अधिकारियों ने मुनादी कराकर बिल्डिंग को कुर्क करने की कार्रवाई संपन्न की.


मुख्तार ने जेल में मांगा थी टीवी

माफिया मुख्तार अंसारी की जेल में हालत ऐसी हो गई कि उसे पहचान पाना भी मुश्किल है. कभी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रसूख रखने वाला मुख्तार अंसारी जेल में अब काफी पतला हो चला है. उसे कंधे झुक गए हैं और बाल व दाढ़ी पूरी तरह से सफेद हो चुकी है. आंखों पर चश्मा लगाए वो किसी कमजोर बुजुर्ग जैसा नजर आ रहा है. दरअसल, मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस मामले में बाराबंकी सीजेएम कोर्ट में पेशी थी. वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए हुई इस पेशी में मुख्तार को एक और झटका लगा है. मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि सुनवाई के दौरान उन्होंने जेल में टेलीविजन लगवाए जाने की मांग की थी. जिसे जेल प्रशास ने बजट आने पर लगवाने का आश्वासन दिया था लेकिन आज उसे कोर्ट ऑर्डर सीट में डाल दिया गया है.


सुनवाई के दौरान मुख्तार ने अपनी पुरानी मांग को दोहराते हुए हवाला दिया कि उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को टीवी की सुविधा दी जाती है, लेकिन मेरे बैरक में टीवी नहीं लगवाया गया है. इसलिए मुझे भी ये सुविधा चाहिए. मुख्तार ने कोर्ट से आग्रह किया कि यदि आप आदेश कर देंगे तो जेल में टीवी की सुविधा मिल जाएगी. सुमन ने बताया कि इस संबंध में कोई आदेश नहीं हुआ बल्कि इस मांग को मुख्य दंडाधिकारी राकेश ने कोर्ट ऑर्डर सीट में रख दिया.


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