शिवपाल और प्रियंका गांधी ने की मुलाकात, नए सियासी समीकरण बनने के आसार

लोकसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, नए-नए सियासी समीकरण तैयार हो रहे है. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच बढ़ रही नजदीकियों को लेकर है. सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को शिवपाल और प्रियंका के बीच मुलाक़ात हुई जिसमें सीटों से लेकर तमाम विषयों पर चर्चा हुई.


कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठबंधन तय है. गुरुवार को राजबब्बर ने भी इसकी तस्दीक करते हुए कहा कि प्रदेश में शिवपाल और अन्य दलों के साथ गठबंधन को लेकर प्रयास चल रहा है. उन्होंने यह भी साफ़ किया कि सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं है. दरअसल प्रियंका गांधी और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के बाद से ही कांग्रेस और सपा-बसपा में तनातनी का दौर जारी है. भीम आर्मी का समर्थन कांग्रेस को मिलने की स्थिति में बसपा को नुकसान हो सकता है. अब अगर शिवपाल गठबंधन में शामिल होते हैं तो यूपी के आलू बेल्ट कहे जाने वाले कन्नौज, आगरा, इटावा में सपा को नुकसान हो सकता है.


सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस गठबंधन के तहत 10 से 12 सीट शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी (लोहिया) को दे सकती है. कहा यह भी जा रहा है कि यह संख्या 20 तक भी पहुंच सकती है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी के साथ शिवपाल की मुलाक़ात दिल्ली में हो चुकी है. और गठबंधन को लेकर जल्द ऐलान हो सकता है.


इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा सोमवार को हो सकती है. वहीं इस बारे में राजनीति के जानकार और डॉ. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अरशद का कहना है, “कांग्रेस का शिवपाल यादव के साथ जाना उसके लिए नुकसानदायक हो सकता है. अभी तक सपा कांग्रेस के साथ नरमी दिखाती रही है. लेकिन अगर शिवपाल से गठबंधन हुआ तो सपा और कांग्रेस के रिश्ते सामान्य नहीं रह जाएंगे.”


राजनीतिक जानकारों के मुताबिक प्रियंका गाँधी उत्तर प्रदेश में फ्रंट फुट पर खेल रही है. कांग्रेस अपनी तैयारी आज नहीं बल्कि कल को लेकर कर रही है, पार्टी का आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा को ध्यान में रखकर भी रणनीति तैयार कर रही है, यही कारण है कांग्रेस ने सपा-बसपा गठबंधन में कम सीटों पर समझौता नहीं किया तथा 25 सीटों की मांग कर डाली. ये जानते हुए कि त्रिकोणीय संघर्ष में फायदा बीजेपी को होगा उसके बावजूद भी पार्टी ने अपना कैडर बचाने के लिए अकेले मैदान में उतरने की घोषणा कर दी.


कांग्रेस अपने खोये वोटबैंक को पाने से लेकर विपक्षियों के वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी में है. इसके पार्टी पश्चिम उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर, पूर्वी उत्तर प्रदेश में हार्दिक पटेल तथा यादव वोटबैंक में सेंधमारी के लिए शिवपाल सिंह यादव पर दांव लगाने की तैयारी में है.


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