तमिलनाडु: एमडीएमके सांसद वाइको का विवादित बयान, कहा- संसद में डिबेट का स्तर हिंदी की वजह से गिरा, संस्कृत है मृत भाषा

तमिलनाडु (Tamil Nadu) में एमडीएमके (MDMK) के जनरल सेक्रेटरी और सांसद वाइको (Vaiko) द्वारा दिए गए एक विवादित बयान से बवाल खड़ा हो गया है. अंग्रेजी अखबार को दिए गए एक इंटरव्यू में एमडीएमके सांसद वाइको (MDMK Chief Vaiko) ने कहा कि ‘संसद में हिंदी (Hindi) में दिए जाने वाले भाषणों की वजह से सदन में बहस का स्तर गिर गया है’.


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वाइको से पूछा गया कि संसद में भाषण के गिरते स्तर के पीछे क्या वजह है? इस पर वाइको ने जवाब दिया कि ‘पहले संसद में विभिन्न विषयों पर गहरी जानकारी रखने वालों को भेजा जाता था. आज डिबेट का स्तर हिंदी की वजह से गिर गया है, वे बस हिंदी में चिल्लाते हैं. यहां तक की पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी सदन को हिंदी में संबोधित कर रहे हैं’.


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वाइको ने सवाल उठाते हुए पूछा कि ‘हिंदी में कौन सा साहित्य है? इसकी कोई जड़ नहीं है और संस्कृत एक मृत भाषा है’. वाइको ने अन्ना का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि 8वीं अनुसूची में सभी भारतीय भाषाओं को आधिकारिक भाषा बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सभी भाषाओं को आधिकारिक भाषा बनाया जा सकता है तो अंग्रेजी को भी जगह दी जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी तो सभी के लिए सामान्य होनी चाहिए.



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सांसद वाइको ने कहा कि ‘जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) एक महान लोकतंत्रवादी थे और वो शायद ही कभी संसद का सत्र मिस किए हो. लेकिन, मोदी कभी-कभी ही संसद सत्र (Parliament Session) में हिस्सा लेते हैं’. वाइको ने नेहरू और मोदी की तुलना करते हुए कहा कि वो पहाड़ थे तो मोदी उसका एक हिस्सा हैं.


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