‘जब नाश मनुष्य पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है’, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का अखिलेश यादव पर हमला

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में दो सीटों पर हो रहे चुनाव में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार कीर्ति कोल का पर्चा खारिज होने के बाद प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने सपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ब्रजेश पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने जानबूझकर एक आदिवासी महिला को अपमानित करने के लिए पर्चा खारिज करवाया है.

ब्रजेश पाठक ने कहा उनको (अखिलेश यादव) को अच्छी तरह से पता था कि उनके पास मतों की संख्या पर्याप्त नहीं है और उनका प्रत्याशी हार जाएगा, लेकिन फिर भी एक आदिवासी बहन को उन्होंने मानसिक रूप से प्रताड़ना पहुंचाने का काम किया. वहीं, पर्चा खारिज होने पर उन्होंने कहा कि जब नाश मनुष्य पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है. ब्रजेश पाठक ने कहा कि नामांकन पत्र भरते समय भी सतर्क नहीं हैं, आपने बड़ी त्रुटियां की हैं.

उन्होंने कहा कि जब आप पूरी तरह से सजग होकर, सतर्कता के साथ आगे नहीं बढ़ते हो तो प्रदेश की जनता को इस प्रकार के कष्ट झेलने पड़ते हैं. सपा शासनकाल पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके शासन काल में भी जिस तरीके से जनता को प्रताड़ना मिली है. गुंडे, माफिया, लुटेरे, लफंगे सरकारी थानों पर कब्जा करके बैठते थे. सरकारी ठेकों पर लूट करते थे. खनन में बंदरबांट होता था. ट्रांसफर पोस्टिंग उद्योग बन गया था. आज कमरे में बैठकर ट्वीट कर देना, ये प्रदेश को भाता नहीं है. जनता चाहती है कि उनके सुख-दुख में कोई पार्टी और सरकार शामिल हो.

दरअसल, 2 एमएलसी सीटों पर हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने सिर्फ एक प्रत्याशी उतारा था. वहीं, सपा उम्मीदवार कीर्ति कोल का पर्चा निरस्त होने की वजह उनकी कम उम्र बताई जा रही है. मिल रही जानकारी के मुताबिक, कीर्ति कोल ने नामांकन पत्र में अपनी उम्र 28 वर्ष लिखी है, जबकि विधान परिषद के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए. इसी वजह से उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया है. अब ऐसे में बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों का निर्विरोध चुनाव जीतना तय माना जा रहा है.

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