उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने अति पिछड़ी जातियों (Most Backward Castes) को केंद व राज्य की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए एक बड़ी कार्ययोजना तैयार की है। प्रदेश में मुसहर, सहरिया, वनटांगिया और विमुक्त-घुमन्तु समुदाय के लोगों को न सिर्फ आवास की सुविधा मिलेगी, बल्कि सरकार उन्हें रोजगार मुहैया कराने के भी प्रयास करेगी। यही नहीं, इनकी शिक्षा, व्यवसायिक प्रशिक्षण व मूलभूत सुविधाओं का भी सरकार की ओर से प्रयास किया जाएगा।
सीएम योगी ने हर सुविधा मुहैया कराने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों विभागीय अधिकारियों को इन्हें हर तरह की सुविधा दिए जाने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की सभी योजनाओं का उन्हें लाभ मिले। राजस्व विभाग के माध्यम से भूमि आवंटन करा कर प्रधानमंत्री ग्रामीण या शहरी आवास योजना के तहत आवासीय सुविधाएं प्रदान कराई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके निवास क्षेत्र के समीप ही व्यवसाय उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाए। मनरेगा जॉब कार्ड के लिए स्थानीय स्तर पर ऐसे परिवारों को चिन्हित कर जन सुविधा केन्द्र के माध्यम से विशेष अभियान चला कर सभी वंचित परिवारों को मनरेगा योजना का लाभ दिया जाए।
इसके अलावा परिवारों को चिन्हित कर उनके बच्चों का स्थानीय प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन कराया जाए। शत-प्रतिशत छात्र / छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जाए। इन वंचित समुदायों की वयस्क आबादी को उनकी शैक्षिक योग्यता एवं कार्य क्षमता के अनुरूप जिला स्तर पर संचालित कौशल विकास संस्थानों के माध्यम से निशुल्क प्रशिक्षण दिलाया जाए।
पिछली सरकारों ने इस समुदाय पर नहीं दिया ध्यान
जानकारी के अनुसार, मुसहर समुदाय के लोग प्रदेश के 19 जिलों में निवास करते हैं। इनमें महराजगंज, आजमगढ़, गाजीपुर, गोरखपुर, बलिया, कुशीनगर, जौनपुर, देविरया, वाराणसी, संतरविदास नगर, मिर्जापुर, अंबेडकरनगर, अमेठी, चंदौली, मऊ, प्रतापगढ़, सोनभद्र और सुल्तानपुर जैसे जनपद प्रमुख हैं। वहीं, सहरिया समुदाय के लोग ललितपुर में केंद्रित है। ये लोग अपने जीवन-यापन के लिए लकड़ी से टोकरी बनाना, बेल पत्र एकत्र करना, जड़ी बूटी का विक्रय करते हैं।
वहीं, वनटांगिया जाति के लिए लोग गोरखपुर, बलरामपुर, बहराइच, पीलीभीत, लखीमपुरखीरी, महराजगंज में निवास करते हैं। पिछली सरकारों में ये जातियां इस कदर उपेक्षित रही हैं कि इनका पुरसाहाल लेने वाला भी कोई नहीं था। मुसहर, सहरिया, वनटांगिया और घुमन्तू समुदायों को आवास, रोजगार व शिक्षा भी मुहैया कराई जाएगी।
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