पूर्व वित्त मंत्री ने मोदी सरकार पर लगाया अर्थव्यवस्था को खराब करने का आरोप

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार में देश की अर्थव्यवस्था की हालत खराब होने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि यह स्थिति सरकार की नीतिगत गलतियों और गलत फैसलों के कारण पैदा हुई है. चिदंबरम ने कृषि, जीडीपी, रोजगार सृजन, व्यापार और अर्थव्यवस्था के कुछ दूसरे मानकों के आधार पर सरकार को घेरा.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मई 2014 के बाद बहुत सारी बातें की गईं, लेकिन अर्थव्यवस्था की हालत खराब होती चली गई. किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुताबिक उपज के दाम नहीं मिल रहे हैं. हर किसान जानता है कि लागत से 50 फीसदी से अधिक की बात जुमला है.’ उन्होंने कहा ‘रिजर्व बैंक के सर्वेक्षण के मुताबिक 48 फीसदी लोगों ने माना कि अर्थव्यवस्था की हालत खराब हुई है.’

 

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा ‘पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से आज देश गुस्से में है। अच्छे दिन के वादे के तहत हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन कुछ हजार नौकरियां ही पैदा की गईं. श्रम ब्यूरो के सर्वेक्षण (अक्टूबर-दिसंबर, 2017) का डेटा जारी क्यों नहीं किया है?’ उन्होंने कहा ‘विश्व स्तर पर अर्थव्यवस्था का असर कुछ हद तक देश की अर्थव्यवस्था पर होता है, लेकिन इन दिनों अमेरिका की अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है, यूरोप में स्थिति ठीक है. भारत में हमारी नीतिगत गलतियों और कुछ गलत कदमों की वजह से अर्थव्यवस्था की हालत खराब हुई है

 

‘उन्होंने कहा ‘2015-16 में विकास दर 8.2 फीसदी थी जो 2017-18 में घटकर 6.7 फीसदी हो गई. जीएसटी को गलत ढंग से लागू करने की वजह से आज भी कारोबार प्रभावित हो रहे हैं, पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि ‘पिछले चार वर्षों में एनपीए 2,63,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,30,000 करोड़ रुपये हो गया जोकि आगे और बढ़ेगा.’