आगामी विधानसभा चुनावों में बसपा इस बार आपराधिक छवि वालों को चुनाव नहीं लड़ाएगी. इसी के चलते बसपा की तरफ से अब बाहुबली सांसद मुख़्तार अंसारी नहीं लड़ पाएंगे. दरअसल, मुख़्तार अंसारी के स्थान पर मऊ सदर क्षेत्र से बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर चुनाव लड़ेंगे. ट्विटर के जरिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने ये जानकारी दी कि पार्टी ने फैसला लिया है कि विधानसभा चुनाव में किसी बाहुबली या माफिया को चुनाव में लड़ाया जाए इसलिए यह निर्णय लिया गया है.
ट्वीट करके दी जानकारी
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह मायावती ने ट्वीट कर कहा कि ‘बीएसपी का अगामी यूपी विधानसभा आमचुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए. इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष श्री भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है.
जनता की कसौटी व उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत ही लिए गए इस निर्णय के फलस्वरूप पार्टी प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो.
बीएसपी का संकल्प ’कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ ही यूपी की तस्वीर को भी अब बदल देने का है ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ जैसी तथा बीएसपी जो कहती है वह करके भी दिखाती है यही पार्टी की सही पहचान भी है.’
2017 में मिला था टिकट
बता दें कि बसपा ने वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी को मऊ और उनके बेटे अब्बास अंसारी को घोसी से टिकट दिया था. मुख्तार अंसारी तो मऊ से चुनाव जीत गए, लेकिन उनका बेटा अब्बास अंसारी घोषी में भाजपा उम्मीदवार फागू चौहान से चुनाव हार गया. फागू चौहान को 88298 और अब्बास अंसारी को 81295 वोट मिले. अब हाल ही में मुख्तार अंसारी के परिजनों ने सपा का दामन थाम लिया है.
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