केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षिक सत्र 2022-23 के दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों की पढ़ाई के लिए पाठ्यक्रम (Syllabus) निर्धारित कर दिए हैं। इसके साथ ही पाठ्यक्रम व उनसे जुड़ी किताबें भी विद्यालयों को उपलब्ध करा दी गई हैं। खास बात ये हैं कि ग्यारहवीं के इतिहास की किताब से सेंट्रल इस्लामिक लैंड और बारहवीं की किताब से मुगल साम्राज्य (Mughal Empire) अध्याय को हटा दिया गया है। इन अध्यायों की पढ़ाई नए शैक्षिक सत्र से नहीं होगी। बोर्ड की नई व्यवस्था एक साथ पूरे देश में लागू की गई है।
हटाई फैज अहमद फैज की शायरी
सीबीएसई से तय प्रारूप के अनुसार, दसवीं कक्षा के राजनीति विज्ञान की किताब से अध्याय चार में जाति, धर्म और लैंगिक मामले में उदाहरण के तौर पर दी गई फैज अहमद फैज की शायरी भी हटा दी गई है। वहीं, ग्यारहवीं कक्षा की विश्व इतिहास के कुछ विषय नामक किताब से सेंट्रल इस्लामिक लैंड अध्याय को हटाया गया है।
इस अध्याय में विद्यार्थियों को इस्लाम का उदय और विकास, सातवीं से बारहवीं सदी के बीच इस्लाम के विस्तार के बारे में जानकारी दी गई थी। उधर, बारहवीं कक्षा के भारतीय इतिहास भाग दो के नौंवे अध्याय से मुगल साम्राज्य को हटाया गया। इस अध्याय में विद्यार्थियों को मुगलों का इतिहास, मुगल स्थापना, मुगल दरबार, अकबरनामा, बाबरनामा के बारे में पढ़ाया जाता था। बोर्ड के इस बदलाव को नई शिक्षा नीति से जोड़कर देखा जा रहा है, जो कि भारतीय शिक्षण पद्धति को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
औद्योगिक क्रांति, औपनिवेशिक शहर, विभाजन भी हटा
बोर्ड ने कक्षा ग्यारहवीं की किताब से पाषणकाल में पृथ्वी पर मनुष्य का उद्भव और विकास, औद्योगिक क्रांति के पाठ्यक्रम से हटाया है। इसमें इंग्लैंड की औद्योगिक क्रांति के कारण और प्रभाव, साम्राज्यवाद को कैसे बढ़ावा मिला आदि बिंदु शामिल थे।
इसी तरह बारहवीं की किताब के भाग एक में कोई बदलाव नहीं है। भाग दो से नौंवे अध्याय मुगल साम्राज्य और भाग तीन से 12वें अध्याय औपनिवेशिक शहर में ब्रिटिश कालीन बंबई, कलकत्ता और मद्रास की स्थापना और 14वां अध्याय विभाजन भारत का कारण और प्रभाव विषय को हटाया है।
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