अब Video Call के दौरान एक-दूसरे को टच भी कर सकेंगे यूजर्स, रिसर्चर्स ने बनाई वायरलेस डिवाइस

आजकल तकनीक के क्षेत्र में बहुत तेजी से विकास हो रहा है. जिससे लोगों को अब नई-नई टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने को मिल रही हैं. तकनीक के इस युग में अब वो भी संभव हो सकेगा, जिसके बारे में हम केवल कल्पना ही कर सकते हैं. अमेरिका (America) की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी (Northwestern University) के रिसर्चर्स (Researchers) ने एक खास डिवाइस बनाई है, जिससे यूजर्स वीडियो कॉल (Video Call) के दौरान एक-दूसरे को स्पर्श कर सकेंगे. यह बात सुनकर आपको जरूर आश्चर्य होगा, लेकिन अमेरिका की नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने इस तकनीक को विकसित किया है. अमेरिकी रिसर्चर्स ने इस वर्चुअल रियलिटी से लैस डिवाइस को डिजाइन किया है. इस डिवाइस के माध्यम से कहीं दूर बैठे व्यक्ति को भी छूने का एहसास किया जा सकता है.


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दरअसल, रिसर्चर्स द्वारा बनाई गयी इस वायरलेस डिवाइस से आपको वीडियो कॉल के समय एक-दूसरे को टच करने का अहसास होगा. ये वायरलेस डिवाइस देखने में पतली है जो कि वर्चुअल रियलिटी से लैस है और एक-दूसरे को टच करने का अहसास दिलाता है. इस डिवाइस की मदद से लोग वीडियो कॉल के दौरान एक दूसरे को छूकर महसूस भी कर सकते हैं. साथ ही साथ इसमें मूवी देखते समय स्क्रीन पर चलने वाली चीजों को भी फील किया जा सकेगा. बता दें कि इस डिवाइस की टेस्टिंग चल रही है.


Video Call के दौरान अब एक-दूसरे को टच भी कर सकेंगे यूजर्स!

अमेरिका की नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने इस डिवाइस का नाम ‘इपिडर्मल वीआर’ रखा है. इसमें सिलिकान की एक पतली लचीली परत के अंदर एक्टयूएटर्स लगे हुए हैं जो वाइब्रेट होते और घूमते रहते हैं. यही एक्टयूएटर्स आपको स्पर्श का अहसास कराते हैं. ‘नेचर’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में इस VR सिस्टम के बारे में बताया गया है. यह डिवाइस 15 सेमी चौड़ी और 15 सेमी की लंबी एक लचीली परत होती है. इसमें एक वायरलेस पॉवर सर्किट होता है. नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के जॉन ए राजर्स ने कहा कि यह डिवाइस उपयोगकर्ता के ऊपर बोझ भी नहीं बनती है.


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ऐसे करता है काम…

रिसर्चर्स ने ये भी बताया कि यह डिवाइस एक तरह से लचीली परत है. जिसका कनेक्शन कंप्यूटर के एक विशेष सॉफ्टवेयर से रहता है. दूर बैठा कोई व्यक्ति जब कंप्यूटर में इसी सॉफ्टवेयर के माध्यम से छूता है तो दूर बैठा व्यक्ति इस डिवाइस के माध्यम से इस स्पर्श को महसूस कर सकता है. इस डिवाइस में मौजूद एक्टयूएटर्स वाइब्रेट या मूव करके स्पर्श का अहसास कराते हैं. मिलीमीटर के आकार के 32 एक्टयूएटर्स इस डिवाइस में लगे होते हैं.



साथ ही रिसर्चर्स ने बताया कि एक्टयूएटर्स एक बार में 200 बार घूमता है. इस डिवाइस को स्मार्टफोन और टैबलेट से भी जोड़ा जा सकता है. यह डिवाइस इस्तेमाल करने में बेहद हल्की है. यह पूरी तरह से वायरलेस है. यूजर्स को इस डिवाइस में बैटरी नहीं लगानी पड़ेगी. जिससे इसको आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है.


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