मोदी-योगी के प्रयासों से UP में बिछ रहा सड़कों का जाल, पूर्वांचल के विकास के लिए रिंग रोड साबित हो रही संजीवनी

किसी देश के विकास में वहां के परिवहन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पूर्वी भारत का गेटवे कहे जाने वाले वाराणसी को अब सड़क परिवहन की ऐसी सौगात मिल गई है जिससे कई प्रदेश और विदेश तक के व्यापार को संजीवनी मिलेगी। 25 अक्टूबर को पीएम मोदी (Narendra Modi) रिंग रोड (Ring Rode) और वाराणसी से गोरखपुर राजमार्ग एनएच -29 समेत कई योजनाओं का उद्घाटन करते हुए बोले थे कि काशी का विकास पर्व देश को ऊर्जा और विश्वास देने वाला है। रिंग रोड से रोजगार के अवसर मिलेंगे, शहर से गांव की दूरी कम होगी, वहीं शहर वालों को जाम व प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी।

वाराणसी शहर में अब जाम और प्रदूषण की नो एंट्री हो गई है। प्रधानमंत्री के विज़न को साकार करते हुए यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के निगरानी और नेतृत्व में बनी रिंग रोड फेज 2 और वाराणसी से गोरखपुर राजमार्ग 29 पर संदहा (चिरईगांव) से बिरनो (गाजीपुर) फोर लेन मार्ग के शुरू होने से वाराणसी चारों दिशाओं से जुड़ रहा है। रिंग रोड चार नेशनल हाईवे और तीन राज्यों को आपस में जोड़ रहा है। लखनऊ, जौनपुर, भदोही, मिर्ज़ापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और नेपाल तक आने-जाने वाले वाहन बिना शहर में प्रवेश किए सीधे अपने गंतव्य को चले जाएंगे। पहले ये वाहन नो एंट्री खुलने के इंतज़ार में घंटो फंसे रहते थे। जिससे कच्चा माल खराब होने का डर बना रहता था। वहीं शहर में प्रवेश करने पर जाम और प्रदूषण से काशीवासी परेशान रहते थे। शहर की सड़कें हमेशा खराब होती थीं।

वाराणसी में बिछ रहे सड़कों के जाल से उद्योग धंधो को रफ्तार मिलेगी,पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेहतर सड़क परिवहन, सुरक्षित यातायात, समय और ईंधन की बचत, रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। शहर व गांव की दूरी कम होगी। ईंधन की बचत होगी जिससे फॉरेन एक्सचेंज की भी बचत होगी।

अपर पुलिस उपायुक्त यातायात दिनेश कुमार पुरी ने बताया कि शहर में आने वाले भारी वाहनों को बिल्टी के आधार पर नोट एंट्री खुलने के बाद आवागमन कराया जाएगा। इसके अलावा अन्य भारी वाहनों का नगर क्षेत्र में आना पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया है। उन्होंने बताया कि जनपद व ग्रामीण इलाके में भारी वाहनों के लिए नो एंट्री मुक्त रिंग रोड शुरू हो चुका है।

हरहुआ कोईराजपुर से राजातालाब तक तकरीबन 1011.29 करोड़ रुपए से निर्मित 16.98 किलोमीटर लंबी रिंग रोड है। वहीं वाराणसी से गोरखपुर राजमार्ग 29 पर बने फोरलेन हाईवे के पैकेज दो जो संदहा (चिरईगांव) से बिरनो (गाजीपुर) फोरलेन मार्ग जो करीब 72.15 किमी है। इस मार्ग पर 3509.14 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

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