सरकारी स्कूल में मदरसे की दुआ मामला- दोषी प्रिंसिपल की दिव्यांगता पर पसीजा योगी सरकार का दिल, निलंबन वापस कर दी चेतावनी

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत (Pilibhit) जिले के एक सरकारी स्कूल में सरस्वती वंदना की जगह छात्रों से मदरसे की दुआ (Islamic Prayer) मामले में प्रिंसिपल फुरकान आली का निलंबन रद्द कर दिया है. प्रशासन ने उनकी सेवाओं को बहाल कर दिया है. हालांकि पीलीभीत के स्कूल से उनका ट्रांसफर भी कर दिया गया है. शिक्षक फुरकान अली दिव्यांग हैं, इसलिए प्रशासन ने चेतावनी देते हुए मानवीय आधार पर निलंबन रद्द कर दिया. यह जानकारी जिला बेसिक शिक्षाधिकारी देवेन्द्र स्वरूप ने शनिवार को आदेश जारी करके दी है.


बीएसए देवेन्द्र स्वरूप ने बताया कि आरोपी फुरकान अली को सचेत किया गया है कि भविष्य में वह विभागीय नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में नियमानुसार अपने कर्तव्यों को निभाएंगे. स्वरूप ने बताया कि अली को गयासपुर द्वितीय प्राथमिक विद्यालय में नियम विरुद्ध तरीके से प्रार्थना कराये जाने के आरोपों में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर निलंबित करके खंड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र पीलीभीत से संबद्ध किया गया था. लेकिन फुरकान अली के दिव्यांग होने की वजह से बाद में मानवीय आधार पर उन्हें निलंबन अवधि में प्राथमिक विद्यालय लार्ज साइज नगर क्षेत्र बीसलपुर से संबद्ध कर दिया गया था.


दरअसल, बीते दिनों सरकारी स्कूल से छात्रों का ‘लब पे आती है दुआ तमन्ना बन के’  गाते हुए वीडियो वायरल हुआ था. एक हिन्दू संगठन की शिकायत पर मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम वैभव श्रीवास्तव ने आरोपी प्रधानाध्यापक फुरकान अली के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था.


बता दें कि ‘लब पे आती है दुआ तमन्ना बनके’ को को अल्लामा इकबाल के नाम से प्रसिद्ध मोहम्मद इकबाल ने 1902 में लिखी थी. ‘लब पे आती है दुआ’ आज भी देश के कई हिस्सों में गाया जाता है. पाकिस्तान के हर मदरसे और स्कूलों में इसे रोजाना गाया जाता है.



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