मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान मानव अधिकार संगठन एंव सेवा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद रजी ने कहा कि उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की ईदगाह पर हर साल की तरह इस साल भी मेला लगने जा रहा है । नार्मल रोड स्थित हिंदू मुस्लिम एकता का मरकज़ दरगाह मुबारक खां शहीद के उर्स/मेला के मौके पर तीन दिवसीय उर्स/मेला 25, 26 व 27 अप्रैल 2025 को पूरे अदबो एहतराम के साथ मनाया जाएगा ।
उर्स में देश व प्रदेश के अलावा पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं।
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हर साल की तरह इस साल भी उर्स पर घोष कंपनी स्थित इरशाद बग्गी के वहां से सरकारी चादर निकलेगी। 26 अप्रैल 2025 शाम 5:00 बजे घोष कंपनी स्थित इरशाद बग्गी के यहां से सरकारी चादर घोष कंपनी नखास रोड से चलकर खूनीपुर चौराहा, चौराया गोला एक मिनारा मस्जिद बक्शीपुर से नखास चौक, रेती चौक ,घंटाघर, पांडेहाता होते हुए तुर्कमानपुर सुल्तान खान की मस्जिद से दरगाह मुबारक खां शहीद आस्ताने पर पहुंचकर संपन्न होगा।
यूएनओ के राजदूत हाजी सैयद सलमान चिश्ती अमन और शांति का लेकर आ रहे हैं पैगाम
उर्स/मेला के मौके पर विश्व विख्यात अजमेर शरीफ दरगाह के गद्दीनशीन व चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सैय्यद सलमान चिश्ती साहब का गोरखपुर में आगमन हो रहा है जो देश और दुनिया में अमन व शांति का पैगाम दे रहे हैं । संयुक्त राष्ट्र (UNO) द्वारा सलमान साहब को शांति दूत बनाया गया है । सलमान साहब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूत के रूप में देश और दुनिया में अमन, शांति व आपसी भाईचारा कायम करने की दिशा में देश और विदेश का लगातार भ्रमण कर रहे है अब तक वह 100 से ज्यादा देशों में भारत देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हम लोगों की इच्छा है कि अपने शहर गोरखपुर में आ रहे हाजी सलमान चिश्ती साहब के सामने सीएम सिटी की बेहतर तस्वीर पेश की जाए, जिससे गुरु गोरक्षनाथ जी की आध्यात्मिक धरती से खूबसूरत यादों के साथ उनकी वापसी हो सके।
उर्स पर कव्वाली का होगा मुकाबला
सूफी संतो के सरजमी पर हजरत बाबा मुबारक खां शाहिद के तीन दिवसीय उर्स के मौके पर बेंगलुरु के मशहूर कव्वाल सलीम जावेद और कानपुर के शरीफ परवाज का मुकाबला 26 अप्रैल 2025 को होगा और 27 अप्रैल 2025 को बेंगलुरु के मशहूर कव्वाल सलीम जावेद का मुकाबला दिल्ली के छोटे उस्ताद अजमत आफताब वारसी से देखने को मिलेगा कव्वाली का शौक रखने वाले जायरीन दूरदराज से बड़ी संख्या में कव्वाली सुनने के लिए आते हैं और पूरी रात कव्वाली की महफिल सजी रहती है। उर्स के मौके पर मशहूर उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की ईदगाह पर हर साल की तरह इस साल भी मेला लगेगा जिसमें खाने-पीने के व्यंजनों के साथ बच्चों के लिए खिलौने झूला महिलाओं के लिए सिंगर का सामान भी इस मेले में श्रद्धालुओं को मिलेगा।
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