उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के तीसरे चरण का मतदान रविवार को सात बजे से प्रारंभ हो गया है। इस दौरान सुबह से लोग बड़े उत्साह के साथ वोट डालने को अपने घरों से निकले है। यह मतदान शाम 6 बजे तक चलेगा। यूपी में फिलहाल 11 बजे तक 21.18 प्रतिशत मतदान हो चुका है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पत्नी एवं कन्नौज की पूर्व सांसद डिंपल यादव के साथ मतदान करने सैफई केंद्र पर पहुंचे। उनके साथ बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव एवं इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव वोट डालने पहुंचे।
वोट डालने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा मुख्यमंत्री 5 साल रहे। आप ने अपने मेडिकल कॉलेज को वो सुविधा क्यों नहीं दी जो पीजीआई की हैं। ज़िम्मेदार कौन है? सैफई का जो विकास हुआ वो एक दिन का नहीं है। बाबा मुख्यमंत्री को कोई काम करना नहीं है कोई अच्छा काम देखना नहीं है। कोई आतंकवादी हो उसके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। चुनाव से पहले भाजपा द्वारा आरोप लगाना, भाजपा रणनीति से चलती है। इटावा में बाबा मुख्यमंत्री आए थे, उन्होंने झूठी तस्वीर लगाई। यूपी में तमाम जगह जब विकास दिखाना था तो चीन की फोटो चोरी करके कौन लाया।
मैनपुरी, इटावा, हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, कासगंज, फरूखाबाद, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा जिले के मतदाता 627 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर रहे हैं। बता दें कि, इन 16 जिलों को आमतौर पर समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है लेकिन 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में इन 59 सीटों में से 49 सीटें जीतकर भाजपा ने सपा को गहरा धक्का पहुंचाया था। 2017 में सपा इन 59 सीटों में से केवल 9 सीटें ही जीत पाई थी।
तीसरे चरण के मतदान वाली 59 सीटों में से सबसे ज्यादा निगाहें जिस सीट पर लगी है वह मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं और उन्होंने इसके लिए अपने परिवार और पार्टी का गढ़ माने जाने वाली सबसे मजबूत सीट करहल को चुना है लेकिन भाजपा ने यहां से केंद्रीय मंत्री और एक जमाने में मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे एसपी सिंह बघेल को चुनावी मैदान में उतार कर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है।
रविवार को चल रहे मतदान में जिन अन्य दिग्गज नेताओं के भाग्य का फैसला होना है उसमें अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव भी शामिल है जो इटावा जिले की जसवंत नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा से हाल ही में भाजपा में शामिल हुए रामवीर उपाध्याय, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद समेत 627 उम्मीदवारों की किस्मत रविवार को ईवीएम मशीन में कैद हो रही है। जनता ने किसे अपना समर्थन दिया है और किसे खारिज कर दिया है , यह तो 10 मार्च को मतगणना के बाद ही साफ हो पाएगा लेकिन इतना तो तय है कि करहल समेत इन 59 सीटों पर जो भी नतीजा आएगा, उसका प्रभाव लंबे समय तक पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति पर नजर आएगा।