यूपी: पुलिसकर्मियों के लिए अच्छी खबर, गृह जनपद के पास मिल सकती है तैनाती

उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों को जल्द ही खुशखबरी मिल सकती है। यह भी माना जा रहा है कि 21 अक्टूबर को लखनऊ पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिसकर्मियों को दीवाली के बोनस के तौर पर बड़ा गिफ्ट दे सकते हैं। खबर है कि बार्डर स्कीम लागू करने के लिए आला अधिकारी भी इसके समर्थन में आ गए हैं, ताकि पुलिसवालों को उनके गृह जनपद में तैनाती मिल सके।

 

डीजीपी ओपी सिंह के पास भेजी गई रिपोर्ट

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एडीजी जोन गोरखुपर दावा शेरपा ने गृह जनपद के पास पुलिस कर्मियों की तैनाती का समर्थन किया है। साथ ही बार्डर स्कीम को लागू करने की सिफारिश भी की है। बता दें कि आए दिन पुलिस कर्मियों के तनाव, पारिवारिक समस्या और आत्महत्या की कुछ घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ही शासन ने आईजी, एडीजी से गृह जनपद के पास तैनाती के सुझाव मांगे थे। जिसकी रिपोर्ट पहले आईजी जय नारायन सिंह ने तैयार की। इसके बाद एडीजी ने गोरखपुर, बस्ती और देवीपाटन मंडल की रिपोर्ट बनाकर डीजीपी ओपी सिंह के पास भेजा है।

 

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सूत्र बताते हैं कि इस रिपोर्ट के मुताबिक, एडीजी जोन के 11 जिलों में करीब 30 हजार पुलिस कर्मी तैनात हैं। जिनमें से ज्यादातर पुलिसकर्मी गैर जनपद के हैं। ऐसे में समय से छुट्टी नहीं मिल पाने और गृह जनपद से दूर ड्यूटी होने की वजह से वो तनाव का शिकार हो जाते हैं क्योंकि घर, परिवार की जिम्मेदारी भी नहीं उठा पाते हैं। ऐसे में इन सबको गृह जनपद के पास तैनाती दी जा सकती है।

 

वहीं, अगर यही व्यवस्था उत्तर प्रदेश के अलग-अलग एडीजी जोन में लागू हुई तो लाखों पुलिस कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा। खबर यह भी है कि पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने पर भी चर्चा की जा रही है। इसे 21 अक्टूबर यानी पुलिस स्मृति दिवस से पहले ही शासन को सुझाव भेजा जाना हैं।

 

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साइकिल की जगह मोटरसाइकिल भत्ता

जानकारी के मुताबिक, 1861 के पुलिस कानून के तहत आज भी पुलिसकर्मियों को साइकिल भत्ता दिया जा रहा है। वर्तमान समय में जहां अपराधी फर्राटा भरने वाली गाड़ियों और बाइक का इस्तेमाल अपराधिक गतिविधियों में कर रहे हैं। ऐसे में अगर सब कुछ ठीक रहा तो पुलिसकर्मियों को मोटर साइकिल भत्ता मिलने पर भी मुहर लग सकती है। बता दें कि इसकी सिफारिश अलग-अलग आईजी रेंज और एडीजी जोन तक ने की है।

 

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इस पर सबका कहना है कि अब फोर्थ कैटिगरी के कर्मचारी भी साइकिल से नहीं चलते हैं। उनका कहना है कि पुलिसकर्मी मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें साइकिल का भत्ता दिया जाता है। वहीं, एडीजी जोन गोरखपुर का कहना है कि अगर पुलिस कर्मियों को जिले के पास तैनाती मिलेगी तो सभी अच्छा काम करेंगे। साथ ही अपने परिवार और घर के दायित्व भी निभा पाएंगे। इसके बाद भी अगर कोई पुलिसकर्मी गड़बड़ी करे तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने का विकल्प रहेगा।

 

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