विवेक हत्याकांड: जमानत पर रिहा सिपाही संदीप कुमार को कोर्ट ने माना हत्या का दोषी, 22 मार्च को सरेंडर करने का आदेश जारी

राजधानी लखनऊ में एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी हत्याकांड में जमानत पर रिहा अभियुक्त पुलिसकर्मी संदीप कुमार के खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश एसएस पांडेय ने हत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप पाया है। न्यायाधीश एसएस पांडेय ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले की विवेचना के दौरान संकलित साक्ष्य और पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री की बिना पर अभियुक्त संदीप के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और धारा 114 के अधीन आरोप तय करने का प्रर्याप्त आधार है।


विवेक के वकील की बहस सुनने के बाद दिया आदेश

ऐसे में अभियुक्त संदीप कुमार को इस धारा के तहत 22 मार्च को अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक, उसी दिन अभियुक्त संदीप के साथ ही अभियुक्त प्रशांत पर भी आरोप तय करने के मामले में सुनवाई होगी। सूत्रों का कहना है कि न्यायाधीश ने यह आदेश आरोप तय करने के मसले पर विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी के विशेष वकील प्रांशु अग्रवाल और साथ ही फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी की बहस सुनने के बाद दिया है।


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बता दें कि अपनी दलीलों के जरिए इनका कहना था कि इस मामले में अभियुक्त पुलिसकर्मी संदीप पर समान आशय से हत्या कारित करने के मामले में आरोप तय किया जाए। सुनवाई के दौरान अभियुक्त पुलिसकर्मी संदीप और प्रशांत के वकीलों ने भी अपना पक्ष रखा था। सत्र अदालत ने सभी पक्षों की बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।


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इस मामले की विवेचना के बाद अभियुक्त प्रंशात कुमार चौधरी के खिलाफ हत्या जबकि संदीप कुमार के खिलाफ मारपीट के आरोप में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। निचली अदालत में भी कल्पना तिवारी की तरफ से अभियुक्त संदीप पर समान आशय से हत्या के आरोप में संज्ञान लेने की मांग की गई थी, लेकिन निचली अदालत ने आरोप पत्र में दर्ज धाराओं में ही संज्ञान लेते हुए उनकी अर्जी को निस्तारित कर दिया था। साथ ही इस मामले की पत्रावली विचारण के लिए सत्र अदालत को संदर्भित कर दिया था।


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28-29 सितंबर 2018 की रात में हुई इस घटना के बाद इन दोनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। अदालत में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद संदीप की जमानत हो गई थी, जबकि प्रशांत की अर्जी खारिज हो गई थी।


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