पिछली सरकारों में रोजा इफ्तारी के लिए मचती थी होड़, कैद की जाती थी हिन्दू आस्था: योगी 

यूपी विधानसभा चुनाव का सियासी बिगुल बज चुका है. वोटरों को लुभाने के लिए सभी दल अपनी-अपनी कवायद में लगे हैं. इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मंगलवार को विपक्ष पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने सपा, बसपा और कांग्रेस पर जनहित के उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले सेकुलर स्टेट के बावजूद रोजा इफ्तारी के आयोजन की होड़ मचती थी. वहीं हिन्दुओं के पर्वों से पहले कर्फ्यू लगाकर आस्था को कैद कर दी जाती थी. कर्फ्यू और प्रशासन के डंडे के चलते लोग अपना पर्व व त्योहार नहीं मना पाते थे. आज आस्था के आगे कोरोना भी पस्त होकर समाप्ति की ओर है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दलों ने 2017 से पहले अपने निहित स्वार्थ में देश की कीमत पर राजनीति की और सामाजिक तानेबाने को छिन्न भिन्न कर दिया. उनकी सोच व्यक्तिगत लाभ तक सीमित रही, जबकि प्रधानमंत्री मोदी देश और प्रदेश परिवार मानते हैं. आज उन्ही के नेतृत्व में बिना किसी भेदभाव के प्रदेश के सभी वर्गों का विकास हो रहा है. सीएम योगी मंगलवार को अलीगंज स्थित पंचायत भवन में पिछड़ा वर्ग के सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे इस दौरान ही उन्होंने ये बातें कहीं.

सीएम योगी ने कहा कि इन विपक्षी दलों से यह पूछा जाना चाहिए कि प्रदेश में शासन करने के बावजूद इन दलों ने क्या किया? जबकि सर्वाधिक समय तक कांग्रेस और उसके बाद सपा, बसपा की सरकार रही. 2017 में आयी भाजपा सरकार को जर्जर व्यवस्था मिली. आज हमारी सरकार “एक जिला, एक उत्पाद” योजना के जरिये हर जिलों के परंपरागत उद्योग और शिल्प को बढ़ावा एवं संरक्षण दे रही है, जिससे लाखों युवा रोजगार से जुड़ रहे हैं. महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की संकल्पना को साकार करते हुए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत गाँव में निवास करने वाले परंपरागत हस्तशिल्प के कारीगरों को बैंक से सस्ते ऋण दिलाकर उनकी आजीविका को बढ़ावा दे रहे हैं. माटीकला बोर्ड के जरिये भी स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन हो रहा है.

पहले मेरिट नहीं एक खानदान की गिरवी थी सरकारी नौकरी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरकारी नौकरी पहले एक परिवार और एक खानदान की गिरवी थी. हर तबके को सरकारी नौकरी नहीं मिलती थी. आज पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से योग्यता पर नौकरी मिल रही है. योजनाओं का लाभ भी बिना भेदभाव के सबको मिल रहा है. भाजपा सरकार के साढ़े चार सालों में 45 लाख परिवारों को आवास और दो करोड़ 63 लाख परिवारों को निशुल्क शौचालय उपलब्ध कराये गये हैं. इसके अलावा सामुदायिक शौचालय, गरीबों को निशुल्क बिजली कनैक्शन, पांच लाख रूपये तक निशुल्क स्वास्थ्य बीमा और कोरोना कालखंड में फ्री में राशन की व्यवस्था की.

सपा ने वापस लिए आतंकियों के मुकदमें
मुख्यमंत्री योगी ने पिछली सपा और वर्तमान की भाजपा सरकार में अंतर को रेखांकित करते हुए कि 2012 की सरकार ने सबसे पहले रामजन्मभूमि अयोध्या पर आतंकी हमला करने वाले आतंकवादियों पर से मुकदमा वापस लेने की कार्रवाई शुरू की, दूसरा कोसीकला में दंगा हुआ. फिर दंगे का अंतहीन सिलसिला शुरू हो गया. हर तीसरे दिन दंगे होते थे. इन दंगाइयों को सरकार पूरा प्रश्रय देती थी. अब स्थिति बदल चुकी है. 2017 में आयी भाजपा सरकार ने सबसे पहले किसानों का कर्जा माफ़ किया. बहू-बेटियों की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो का गठन किया और फिर नयी-नयी स्कीमों के जरिये कल्याण कारी योजनाएं शुरू की. उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड में सरकार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वंयसेवक और भाजपा कार्यकर्ता लोगों के इलाज और सहायता में दिन-रात लगे थे. उनमें लोगों को संकट से उबारने की तड़प थी. उस दौरान विपक्षी दलों के नेता होम आइसोलेशन और होम क्वारंटीन थे.

श्री राम को गाली देने वाले अब स्वीकार कर रहे हैं उनका अस्तित्व
सीएम योगी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कभी श्रीराम को गाली देने वाले भी अब चुनाव करीब आने अयोध्या आकर भगवान श्रीराम के अस्तित्व को स्वीकार कर रहे हैं. उन्हें भी लगता है कि भगवान राम के बिना उनकी नइया पार नहीं लगेगी. कोरोना संकट में दिल्ली के इसी मुख्यमंत्री ने यूपी और बिहार के लोगों को दिल्ली से बाहर निकाल दिया था. आज यह उत्तर प्रदेश की बात कर रहे हैं, जो दिल्ली नहीं संभाल पाये वह उत्तर प्रदेश क्या संभाल पाएंगे?.

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