गुरुग्राम (Gurugram) में खुले में नमाज (Namaz) को लेकर चल रहे विवाद के जवाब में हिंदू संगठनों ने ‘घर वापसी’ (Ghar Wapsi) का फॉर्म्यूला अपनाया है। खुले में नमाज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रही संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति ने मुस्लिमों को हिंदू धर्म अपनाने की पेशकश की है। संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के अध्यक्ष महावीर भारद्वाज ने कहा कि यहां अधिकांश गैर-प्रवासी मुसलमानों के हिंदू पूर्वज थे और उनका धर्मांतरण किया गया था। हम उन्हें घर वापसी की पेशकश करते हैं।
महावीर भारद्वाज ने कहा कि अगर कोई स्वेच्छा से अपने पूर्वजों के धर्म में लौटने को तैयार है तो हम उनकी सहायता और स्वागत करेंगे। अगर बहुत से लोग रुचि रखते हैं तो हम एक सामूहिक घर वापसी का आयोजन करेंगे और उन पर गंगाजल छिड़केंगे। इसके साथ उनके पास प्रार्थना करने के लिए स्थानों की कोई कमी नहीं होगी क्योंकि वे मंदिरों में प्रार्थना कर सकते हैं।
वहीं, द ट्रिब्यून के अनुसार, समिति के इस प्रस्ताव से अन्य समुदाय के लोगों में गुस्सा है। उन्होंने शहर में सांप्रदायिक तनाव से पहले तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। नूह विधायक आफताब अहमद ने कहा कि आप और क्या उम्मीद करते हैं, जब सीएम खुद इस तरह के व्यवहार का समर्थन करते हैं? उनकी असहिष्णु टिप्पणी ने स्थिति को भड़का दिया है।
आफताब अहमद ने कहा कि अब उनकी तरफ से एक सौहार्दपूर्ण समाधान प्रदान करने की बारी है जिसके बारे में उन्होंने बात की थी। नमाज के लिए सार्वजनिक स्थानों का उपयोग किया जाता है क्योंकि हमारे पास शहर में पर्याप्त मस्जिदें नहीं हैं। गौरतलब है कि गुरुग्राम में 13 मस्जिदें हैं जिनमें 5,000 लोग नमाज पढ़ सकते हैं। हालांकि वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियां हैं, लेकिन अधिकांश पर कब्जा कर लिया गया है और मुकदमेबाजी चल रही है।
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