Video : AMU में लगे आतंकी मन्नान वानी के समर्थन में ‘आजादी-आजादी’ के नारे

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एक बार आजादी आजादी के नारे लगाए गए हैं। यहां हिजबुल मुजाहिद आतंकी मन्नान वानी की मौत के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कश्मीरी स्टूडेंट्स ने जनाजा नमाज पढ़ने की कोशिश की लेकिन एएमयू प्रशासन और कुछ सीनियर स्टूडेंट्स ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। जिसके बाद इन कश्मीरी स्टूडेंट्स ने आजादी-आजादी के नारे लगाने शुरू कर दिए।

 

मन्नान वानी के लिए पढ़ी जा रही थी जनाजा नवाज

बता दें कि एएमयू के रिसर्च स्कॉलर रह चुके हिजबुल मुजाहिद के आतंकी मन्नान वानी को भारतीय सेना के जवानों ने कुपवाड़ा में एक ऑपरेशन के दौरान ढेर कर दिया था। जिसके बाद एएमयू में आतंकी मन्नान वानी की मौत के बाद कुछ स्टूडेंट्स आर्ट फैकल्टी के पास इकट्ठा होने लगे, जिनमें कश्मीरी स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा रही। इन स्टूडेंट्स ने मन्नान वानी की मौत के बाद जनाजा नमाज पढ़ना शुरू कर दिया।

 

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लेकिन जब इस बात की सूचना एएमयू के प्रॉक्टर और पीआरओ समेत कुछ प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो सभी आनन-फानन में मौके पर पहुंच गए। इस दौरान उन लोगों ने आतंकी मन्नान वानी के लिए पढ़े जाने वाली जनाजा नमाज को रोकने की कोशिश करने लगे। वहीं, इस दौरान मौके पर पहुंचे कुछ सीनियर स्टूडेंट्स ने इन समाज को गलत ठहराया, जिसके बाद कश्मीरी स्टूडेंट्स ने आजादी-आजादी के नारे लगाने शुरू कर दिए।

 

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छात्रों के आगे बेबस दिखा एएमयू प्रशासन

इस पूरे मामले में एएमयू प्रशासन बेबस नजर आया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यहां कवरेज करने पहुंचे मीडियाकर्मियों से कुछ स्टूडेंट्स ने मारपीट भी की है। स्टूडेंट्स ने मीडियाकर्मियों के मोबाइल तक छीन लिए हैं। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में धीरेंद्र नाम के एक पत्रकार ने सिविल लाइन थाने में अज्ञात स्टूडेंट्स के नाम से एफआईआर भी दर्ज कराई है।

 

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एएमयू के तीन छात्र निलंबित

बता दें मन्नान बशीर वानी एएमयू का पीएचडी का स्टूडेंट था, यूनिवर्सिटी से गायब होने के बाद सोशल मीडिया में उसकी हाथ में बंदूक लिए फोटो वायरल हुई थी, जिसके बाद यूनिवर्सिटी से मन्नान वानी को निकाल दिया गया था। कॉलेज प्रशासन और छात्रों की को रोकने की काफी कोशिश की। लेकिन छात्र आतंकी को शहीद घोषित किये जाने की अपनी मांग पर अड़े रहे इसके बाद चारों छात्रों को कारण बताओ नोटिस दिया गया और अनुशासनहीनता में तीन छात्रों को निलंबित कर दिया गया।

 

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