शिवसेना ने की बुर्का बैन की मांग, बोली- सर्जिकल स्ट्राइक की तरह हिम्मत दिखाएं मोदी

श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए सिलसिलेवार तरीके से बम धमाकों के बाद वहां की सरकार ने बुर्का और नक़ाब पर प्रतिबंध लगा दिया है. श्रीलंका सरकार के कदम का हवाला देते हुए शिवसेना ने भी भारत में बुर्का बैन की मांग रखी है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में इस तरह की मांग रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में बुर्का या नकाम को प्रतिबंधित करने की मांग की है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार के अयोध्‍या दौरे का हवाला देते हुए इसमें लिखा गया है, ‘रावण की लंका में जो हुआ वो राम की अयोध्या में कब होगा?’ शिवसेना ने अपनी इस मांग को ‘राष्‍ट्रहित में’ करार देते हुए इस संबंध में फ्रांस, न्‍यूजीलैंड, ब्रिटेन, ऑस्‍ट्रेलिया का भी जिक्र किया और कहा कि दुनिया के ये देश अगर अपने यहां आतंकी हमले होने पर बुर्का को प्रतिबंधित करने का फैसला ले सकते हैं तो भारत क्‍यों नहीं?


फ्रांस में भी आतंकवादी हमला होते ही वहां की सरकार ने बुर्काबंदी की. न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भी यही हुआ. फिर इस बारे में हिंदुस्तान पीछे क्यों? एक तो असंख्य मुस्लिम युवतियां बुर्का नकारना चाहती हैं और दूसरी बात ये है कि बुर्के की आड़ में निश्चित क्या चल रहा होता है. इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता.


बुर्के का इस्तेमाल कर देशद्रोह और आतंकवाद फैलाने के उदाहरण सामने आए हैं. तुर्किस्तान इस्लामी राष्ट्र है, लेकिन कमाल पाशा को जब संदेह हुआ कि बुर्के की आड़ में कुछ हो रहा है तो उसने अपने देश में मुस्लिम युवकों की दाढ़ी और बुर्का पर प्रतिबंध लगाया ही था.


सामना में आगे लिखा है कि मोदी को यह सब कराना होगा. यह कार्य सर्जिकल स्ट्राइक जितना ही यह कार्य हिम्मत का है. श्रीलंका के राष्ट्र प्रमुख ने इसे किया है. उन्होंने एक रात में बुर्काबंदी की. चेहरा ढंकनेवाली किसी भी बात से व्यक्ति की पहचान करने में मुश्किलें न आए इसीलिए आपातकालीन नियमों के तहत इस तरह की बातों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, ऐसा श्रीलंका के राष्ट्रपति ने घोषित किया है.


फेस मास्क या अन्य साधनों से चेहरा ढंकने वाले व्यक्ति राष्ट्रीय और सामाजिक सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. इसलिए सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का या नकाब पहनना आपराधिक कार्य माना जाएगा, ऐसा घोषित करके श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाल ने साहस और धैर्य का दर्शन कराया है. रावण की लंका में जो हुआ वो राम की अयोध्या में कब होगा? प्रधानमंत्री मोदी आज अयोध्या निकले हैं. इसीलिए यह सवाल है.


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