गाय इकलौता पशु जो सांस में ऑक्सीजन लेता भी और छोड़ता भी है, पंचगव्य असाध्य रोगों में लाभकारी: इलाहाबाद हाई कोर्ट

हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के जज ने गाय (Cow) को ‘राष्‍ट्रीय पशु’ घोषित करने की मांग की थी. इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने वैज्ञानिकों का हवाला देते हुए कहा था कि गाय एकमात्र ऐसा जानवर है, जो ऑक्सीजन लेती और छोड़ती है. उन्होंने यह भी कहा था कि यज्ञ में गाय का घी डालने से बारिश होती है और पंचगव्य से गंभीर बीमारियां दूर होती हैं.


यज्ञ में गाय का घी डालने से होती है बारिश

गोहत्या अधिनियम के तहत आरोपी जावेद की जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायाधीश शेखर कुमार यादव ने 12 पेज के फैसले में कहा कि गाय का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है और गाय को देश में मां के रूप में माना जाता है. उसकी देवत्त के रूप में पूजा होती है. देश में सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुद्ध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु के साथ वरुण, वायु आदि देवताओं को यज्ञ में दी गई प्रत्येक आहुति गाय के घी से देने की परंपरा है, जिससे सूर्य की किरणों को विशेष ऊर्जा मिलती है और यही विशेष ऊर्जा वर्षा का कारण बनती है.


गाय ऑक्सीजन लेती भी है और छोड़ती भी है

अपने आदेश में जज ने कहा कि ‘वैज्ञानिक मानते हैं कि गाय इकलौता ऐसा पशु है जो सांस लेते समय ऑक्सिजन ही लेता है और ऑक्सिजन ही बाहर निकालता है. पंचगव्य जो गाय के दूध, दही, घी, मूत्र, गोबर द्वारा तैयार किया जाता है, कई असाध्य रोगों में लाभकारी है.


जीवन में 400 लोगों को दूध देती है गाय

आर्य समाज के संस्‍थापक दयानंद सरस्‍वती के हवाले से जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा कि अपने जीवन में गाय 400 से ज्‍यादा लोगों को दूध देती है, जबकि उसके मीट से केवल 80 लोगों का पेट भरा जा सकता है. उन्होंने कहा कि जीसस क्राइस्‍ट ने कहा था कि गाय और बैल को मारना एक इंसान को मारने जैसा है.


गोमांस का सेवन मौलिक अधिकार नहीं

दरअसल, हाई कोर्ट के जज ने ये टिप्पणी 59 वर्षीय एक व्यक्ति पर मुकदमे से जुड़े मामले में की है, जिसे इसी साल मार्च में गो हत्या के आरोप में उत्तर प्रदेश के संभल जिले से गिरफ्तार किया गया था. आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि गायें भारत की संस्कृति का हिस्सा हैं और गोमांस का सेवन किसी भी व्यक्ति का मौलिक अधिकार नहीं माना जा सकता है.


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