राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के लिए खाता खोलने (NPS Account) की सुविधा देने वाले पीओपी अगले महीने से कमीशन (Commission) के रूप में 15 रुपए से 10,000 रुपए प्राप्त कर सकते हैं। यह कमीशन तब मिलेगा जब अंशधारक ‘ऑल सिटिजन मॉडल’ के तहत सीधे अपने खाते से पैसा संबंधित इकाई (पीओपी) को भेजने का विकल्प चुनते हैं।
इस कदम का मकसद एनपीएस खाता खोलने की सुविधा देने वाले पीओपी (पाइंट आफ प्रेजेंस) को क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराना है जिन्हें शुल्क के मामले में नुकसान हो रहा है। पीओपी में बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और अन्य इकाइयां शामिल हैं। ये एनपीएस के तहत पंजीकरण के साथ अंशधारकों को संबंधित सेवाएं देते हैं।
पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने कहा कि इस कदम से पीओपी को समर्थन और बढ़ावा मिलेगा क्योंकि वे एनपीएस खाता खोलने को लेकर काफी प्रयास करते हैं और अपने संसाधनों का उपयोग करते हैं। पीएफआरडीए के परिपत्र के अनुसार, उन्हें एनपीएस के विस्तार के प्रयासों को समर्थन देने के लिए एक सितम्बर, 2022 से निश्चित अवधि पर कमीशन देने का निर्णय किया गया है।
पेंशन नियामक ने कहा कि एनपीएस में योगदान के लिये सीधे बैंक खाते से संबंधित एजेंसी को पैसा अंतरण (डायरेक्ट रेमिट) ई-एनपीएस (आनलाइन योगदान का अन्य तरीका) की तरह है। इस पर कमीशन संबंधित पीओपी को मिलेगा। सीधे राशि अंतरण को लेकर पीओपी को निश्चित अवधि पर मिलने वाला कमीशन योगदान राशि का 0.20 प्रतिशत होगा। यह न्यूनतम 15 रुपए और अधिकतम 10,000 रुपए होगा।
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निश्चित अंतराल पर ग्राहक से यह कमीशन उनके निवेश वाली यूनिट की संख्या को घटाकर लिया जाएगा। सीधे राशि संबंधित एजेंसी को अंतरित करने की सुविधा को ग्राहक-केंद्रित उपाय के रूप में पेश किया गया है। अगर ट्रस्टी बैंक को सुबह 9.30 बजे से पहले योगदान राशि मिल जाती है, वह उसी दिन के शुद्ध संपत्ति मूल्य (एनएवी) की पेशकश कर ग्राहकों के निवेश रिटर्न को अनुकूलतम बनाता है।
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