UP में यात्रा करना अब होगा और भी सेफ और सुकून भरा, जाम से निजात, समय की होगी बचत, जानें योगी सरकार का प्लान

उत्तर प्रदेश में आप और सुकून के साथ यात्रा कर सकेंगे. आपकी यह यात्रा सुरक्षित भी होगी और सुखद भी. जाम और प्रदूषण से मुक्त इस यात्रा के जरिए मंजिल तक शीघ्र पहुचना बोनस होगा. नए एयरपोर्ट, नए एक्सप्रेस वे, इलेक्ट्रॉनिक बसें और प्रमुख शहरों में निर्माणधीन एवं प्रस्तावित मेट्रो रेल इसका जरिया बनेगें. गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ और कानपुर में मेट्रो रेल का संचालन करने के बाद अब कई और शहरों में भी योगी सरकार मेट्रो रेल चलाने की तैयारी कर रही है.

पिछले दिनों नगर विकास सेक्टर से जुड़े चार विभागों के मंत्रिमंडल के समक्ष बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेट्रो एवं इलेक्ट्रॉनिक बसों के संचलन के बाबत कई निर्देश दिये हैं तो काशी, मेरठ, गोरखपुर, झांसी और प्रयागराज में मेट्रो रेल की सेवा शुरू करना योगी सरकार की मंशा है. प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस संबंध में जरूरी प्रक्रिया शुरू की जाए.

ताज नगरी को शीघ्र मिलेगी मेट्रो की सौगात

ताज नगरी आगरा के लोग और यहां बड़ी संख्या में देश-विदेश से आने वाले पर्यटक शीघ्र ही मेट्रो रेल का आनंद ले सकेंगे. यहां करीब 29 किलोमीटर में दो कॉरीडोर में मेट्रो का संचालन होना है. कॉरिडोर-1, सिकंदरा से ताज ईस्ट की लंबाई 14 किलोमीटर और कॉरिडोर-2 आगरा से कैंट से कालिंदी बिहार की लंबाई 15 किलोमीटर है. प्राथमिक सेक्शन ताज ईस्ट से जाम मस्जिद 6 किलोमीटर का कार्य प्रगति पर है. उम्मीद है कि जनवरी 2026 तक यहां के लोग और आने वाले पर्यटक मेट्रो का आनंद ले सकेंगे.

गोरखपुर में 6 माह में शुरू हो जाएगा मेट्रो का काम

06 माह के भीतर गोरखपुर में मेट्रो लाइट परियोजना का काम शुरू हो जाएगा. गोरखपुर मेट्रो लाइट परियोजना के पहले कॉरिडोर की लंबाई करीब 15 किलोमीटर होगी. यह श्यामनगर से मदनमोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज को जोड़ेगी. इसके निर्माण की अनुमानित लागत करीब 2630 करोड़ होगी। करीब 13 किलोमीटर लंबा दूसरा कॉरिडोर नौसड़ चौराहे से मेडिकल कॉलेज को जोड़ेगा. जिन बाकी शहरों में मेट्रो रेल परियोजना प्रस्तावित है उनके लिए मेट्रो लाइट/मेट्रो नियो परियोजना की डीपीआर भी तैयार कराने का निर्देश भी मुख्यमंत्री दे चुके हैं. इसी क्रम में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना फेज -1 बी का काम पुनरीक्षण में है. चारबाग रेलवे स्टेशन से बसंत कुंज को जोड़ने वाले इस कॉरिडोर की लंबाई करीब 12 किलोमीटर होगी. इसके निर्माण में करीब 4900 करोड़ रुपये की लागत आएगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर क्रासिंग तक करीब चार किलोमीटर की लंबाई में 410 करोड़ रुपए की लागत से रोपवे का निर्माण भी प्रस्तवित है.

दोगुनी होगी इलेक्ट्रॉनिक बसों की संख्या

प्रदेश के जिन 14 शहरों में इलेक्ट्रॉनिक बसें चल रहीं हैं उनकी संख्या दोगुनी करने और जरूरत के अनुसार जनता की सहूलियत के लिए नए रूट्स भी इनके संचलन के दायरे में लाए जाएंगे. सभी नगर निगमों में भी इलेक्ट्रॉनिक बसों की सेवा भी शीघ्र शुरू होगी.

अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट एवं सोनभद्र जल्द हवाई सेवा से जुड़ेंगे

शीघ्र ही अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट एवं सोनभद्र भी हवाई सेवा से जुड़ेंगे. रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत चयनित संबंधित जिलों के हवाईअड्डों के संचालन एवं प्रबंधन के लिए 1 जुलाई को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच मेमोरंडम ऑफ स्टैंडिंग हो चुका है. खास बात यह है कि ये एयरपोर्ट उन क्षेत्रों में स्थापित हो रहे हैं जो विकास की दौड़ में कतिपय कारणों से पीछे छूट गए थे. श्रावस्ती, सोनभद्र और चित्रकूट तो आकांक्षात्मक जिले हैं. यहां से एयर कनेक्टिविटी होने से इन क्षेत्रों के विकास को नये पंख लगेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रारंभ की गई ‘उड़ान’ योजना का उत्तर प्रदेश ने अत्यधिक लाभ प्राप्त किया है. 2017 से पहले प्रदेश में मुख्यतः लखनऊ और वाराणसी में ही एयरपोर्ट थे. गोरखपुर और आगरा में आंशिक रूप से क्रियाशील एयरपोर्ट थे. तब 04 एयरपोर्ट से मात्र 25 गंतव्यों तक वायुसेवा उपलब्ध थी, आज 09 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं और 10 पर काम जारी है. आज 75 गंतव्यों तक वायुसेवा की सुविधा है. उत्तर प्रदेश बहुत जल्द 05 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बनने जा रहा है. वर्तमान में वाराणसी, कुशीनगर और लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं जबकि जेवर और अयोध्या में निर्माण जारी है.

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