बटेंगे तो कटेंगे: क्या एक नारा बदल रहा है राजनैतिक परिदृश्य ?

हरियाणा और जमू कश्मीर के बाद अब महाराष्ट्र और झारखण्ड विधानसभा चुनावों का उत्साह चरम पर है, दोनों ही पक्षों से आक्रामक बयानबाजी हो रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नया नारा ‘बटेंगे तो कटेंगे’ सबकी जिह्वा पर है तथा जन समुदाय में इस नारे की स्वीकार्यता के कारण विपक्षी दलों के चुनाव प्रचार में भी तनाव साफ दिखाई पड़ रहा है। योगी जी के इस नारे की काट में विरोधी भी तरह-तरह के नारे बनाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के सभी बड़े नेता अपनी चुनावी जनसभाओं मे “बटेंगे तो कटेंगे – एक रहेंगे तो नेक रहेंगे का तात्पर्य स्पष्ट करते हुए यही नारा लगा रहे हैं ।“ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि निहित स्वार्थ के लिए कुछ राष्ट्र विरोधी लोग समाज को जाति, धर्म, भाषा, महिला- पुरुष, गांव शहर में बांटने के प्रयास में लगे हैं। इन सभी के मंसूबों की गंभीरता को समझना होगा।

योगी आदित्यनाथ अपनी जनसभाओें में कह रहे हैं कि,“बंटे थे तो अयोध्या-काशी में अपमान झेलना पड़ा, हम बंटे थे तो बहन बेटियों की अस्मिता से खिलवाड़ का अपमान झेलना पड़ा। योगी जी के आक्रामक बयानों से हताश कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने योगी जी के वस्त्रों पर टिप्पणी करते हुए उन्हें आतंकवादी कह दिया। इस प्रकार कांग्रेस ने अपनी पुरानी भगवा आतंकवाद की बात को जीवंत करने का प्रयास किया। मल्लिकार्जुन खरगे ने बहुत सोच समझ कर ही योगी जी को आतंकवादी कहा है क्योंकि चुनाव प्रचार में योगी जी के इस नारे की गूंज का असर है कि जहां- जहां चुनाव हो रहे हैं वहां- वहां हर भाजपा विधायक उनकी जनसभा की मांग कर रहा है। योगी जी ने महाराष्ट्र की जनसभाओं में यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में हमारी सीट कम हो गई क्योंकि हम लोग बंट गए थे, अब ऐसा नहीं होना चाहिए। यही कारण है कि अब विपक्ष योगी जी को आतंकवादी कह रहा है।

योगी जी ने भी मल्लिकार्जुन खरगे को उत्तर देते हुए हुए कहा कि, यदि खरगे जी को क्रोध करना है तो उन पर करना चाहिए जिन्होंने उनके गांव को जलाया था। उनकी पूज्यनीय माता जी, चाची और बहन को निजाम के रजाकरों द्वारा जलाया गया था लेकिन खरगे सच्चाई को नहीं बोलना चाहते क्योंकि उनको लगता है कि निजाम पर आरोप लगाऊंगा तो वोट खिसक जायेगा। खरगे जी सच्चाई स्वीकार नहीं करना चाहते वोट के लिए परिवार के बलिदान को भूल गये।
चुनाव प्रचार से यह सिद्ध हो रहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व में बना इंडी गठबंधन मुस्लिम तुष्टिकरण में आकंठ डूब चुका है क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस ने उलेमाओ की 17 ऐसी मांगे मान ली हैं जो पूरी तरह से संविधान विरोधी हैं। वैसे तो कांग्रेस का इतिहास सनातन हिंदू परंपरा अपमान करने का है, जब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में पालघर में दो साधुओं की मुस्लिम भीड़ ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी तब कांग्रेस की तरफ से एक बयान तक नहीं आया था। कांग्रेस व उसकी विचारधारा से निकले सभी दलों को संत समाज, हिंदू देवी –देवताओ, गाय, गंगा, गीता व हिंदू पर्वों से नफरत है। कांग्रेस की मोहब्बत की दुकान एकतरफा है और वह भी मुसलमानों के लिए।

योगी को आतंकवादी कहकर कांग्रेस पार्टी ने अपने लिए समस्या ही पैदा कर ली है क्योंकि खरगे का ताजा बयान 2014 में कांग्रेस की पराजय के बाद, पराजय की समीक्षा के लिए बनाई गयी पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी की रिपोर्ट की भावनाओं के एकदम विपरीत है। खरगे के बयानों से कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीतियों की आक्रामक पुष्टि हो रही है।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने योगी जी को आतंकवादी कहकर न सिर्फ अपने आपको अपितु कांग्रेस व उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को भी बुरी तरह से फंसा दिया है। अब कांग्रेस व इंडी गठबंधन में शामिल सभी दल बैकफुट पर आ गये हैं क्योंकि अब कांग्रेस को समझ में आ गया है कि उसे खरगे के बयान का नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस को यह नुकसान होना भी चाहिए क्योंकि एक ओर जहां कांग्रेस महाराष्ट्र में उलेमाओं की 17 मांगों का समर्थन कर रही है वहीं दूसरी ओर झारखंड में बांगलादेशी घुसपैठियों के साथ खड़ी है। एंटनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कांग्रेस की दुर्गति का सबसे बड़ा कारण यह है कि उसकी छवि मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाली पार्टी की बन गई हैं।मुसलमानों के प्रति अंधश्रद्धा का परिणाम यह हुआ कि पार्टी को लगातार पराजय का मुंह देखना पड़ा।

भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र व झारखंड में अपना जो संकल्पत्र जारी किया है उसमें विकास की गारंटी भी है और बहुसंख्यक हिन्दू समाज की भावनाओं का सम्मान भी है। झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ एक अहम मुद्दा बन गया है जबकि महाराष्ट्र में भाजपा की ओर से मतांतरण रोधी कानून लाने का वादा किया गया है। भाजपा शासित कई राज्यों में मतांतरण रोधी कड़े कानून बने हैं। विधानसभा चुनावों की घोषणा होने के पूर्व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गाय को राजमाता का दर्जा देकर अपनी नीयत स्पष्ट कर दी है।

चुनाव के परिणाम चाहे जो हों योगी जी के नारे की धमक चारों ओर दिख रही है। सभी दल उस नारे की धुन में ही नाच रहे हैं। योगी जी के इस नारे में कई संकेत व सन्देश स्पष्ट रूप से छिपे हुए हैं जिन्हें वह अपनी जनसभाओं में समझा रहे हैं। यह नारा हिंदू एकता का नारा है, हिदुओं में एकता न होने के कारण ही राम मंदिर निर्माण में 500 वर्ष लग गये ओैर देश के एक बहुत बड़े हिस्से में बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं की घुसपैठ के कारण डैमोग्राफी ही बदल गई है। पहली बार भारतीय जनता पार्टी खुलकर हिन्दुत्व की बात कर रही है और हिंदुओं के लिए राजनीति कर रही है।भाजपा नये नारे के माध्यम से समग्र हिन्दुत्व का नारा बुलंद कर रही है और यह भी पहली बार ही सामने आ रहा है कि वास्तव में भारत में बहुसंख्यक हिन्दू समाज ही पीड़ित है । मतान्तरण, लव जिहाद, लैंड जिहाद, वक्फ बोर्ड, हलाल प्रमाणन जैसी अनेक विसंगतियां हिन्दुओं पर प्रतिदिन प्रहार कर रही हैं।

( मृत्युंजय दीक्षित, लेखक राजनीतिक जानकार व स्तंभकार हैं.)

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